नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी, जिसमें कश्मीरी अलगाववादी संगठनों की कथित फंडिंग रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अदालतों को इस क्षेत्र में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की खंडपीठ ने इस याचिका को सुनवाई लायक नहीं मानते हुए कहा, “सुरक्षा व अन्य उद्देश्यों के लिए दिया जाने वाला अनुदान केंद्र सरकार के अधीन आता है।”
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि यह मुद्दा न्यायिक कार्रवाई का हिस्सा नहीं है और इस तरह के मामलों में “न्यायालयों की न्यूनतम भूमिका होती है।”