इस गुफा में सिगरेट पीते हैं साक्षात् भगवान शिव, जिसे देख आप को नहीं होगा विश्वास…

भगवान शिव के भक्तों की संख्या करोड़ों में हैं। सम्पूर्ण सृष्टि की रचना उनसे ही मानी जाती है। हम जानते हैं कि भगवान शिव ने अमृत मंथन के दौरान विष पान किया था जिस वजह से उन्हें नीलकंठ के नाम से जाना जाता है।

शिवजी को भांग की आदत है इस बारे में भी हमें पता है। इसी वजह से शिवरात्रि के दिन भांग प्रसाद के तौर पर दिया जाता है लेकिन आज हम आपको भगवान शिव से जुड़ी एक ऐसी बात बताएंगे जिसके बारे में आपने पहले कभी न सुना होगा।

इस गुफा में सिगरेट पीते हैं साक्षात् भगवान शिव

अगर हम आपसे पूछें कि क्या आपने कभी शिवजी को सिगरेट पीते हुए देखा है? इस सवाल पर आप सभी को भले ही अचरज हो लेकिन आज हम आपको ऐसा ही कुछ बताने जा रहे हैं।

हम यहां बात कर रहे हैं लुटरू महादेव मंदिर के बारे में जो कि हिमाचल प्रदेश के अर्की सोलन जिले में स्थित है। शायद ये शिवजी का पहला ऐसा मंदिर है जहां दर्शनार्थी भगवान को सिगरेट अर्पित करते हैं।

सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि यहां मंदिर में विराजित महादेव अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं और उनके द्वारा चढ़ाए गए सिगरेट को पीते हैं।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भगवान को सिगरेट अर्पित करने के बाद उसे कोई सुलगाता नहीं है। बावजूद इसके वो अपने आप ही सुलगता रहता है। इसमें से धुआं भी इस तरह से निकलता है जिसे देखकर ऐसा लगता है कि मानों वाकई में कोई सिगरेट पी रहा हो।

यहां इस मंदिर में शिवजी को सिगरेट चढ़ाने की ये प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है। इसके साथ ही इस मंदिर की दूसरी सबसे बड़ी खाासियत यहां का शिवलिंग है।

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इस शिवलिंग में जगह-जगह पर गड्ढे बनें हुए है जिनमें लोग बड़ी ही आसानी से सिगरेट को फंसा देते हैं। सन् 1621 में बाघल रियासत के तत्कालीन राजा ने इस मंदिर को बनाया था। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें सपने में भगवान शिव ने इस मंदिर को बनाने का आदेश दिया था।

यहां लोगों की ऐसी मान्यता है कि भगवान शिवजी ने यहां इस गुफा में लंबा समय व्यतीत किया था। ये गुफा उनके घर के जैसा था।

पहाड़ों के बीच स्थित इस मंदिर में लोग दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं और शिवजी को कश लगाते हुए देखकर खुद को धन्य समझते हैं।

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