अनुच्‍छेद 370 के बाद सऊदी ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, मोदी सरकार की हुई कूटनीति जीत

सऊदी अरब के एक प्रमुख अखबार सऊदी गजट ने कहा है कि भारत के राज्य जम्‍मू कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद मोदी सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की है। वहां के युवकों ने इन योजनाओं पर सकारात्‍मक राह दिखाया है। उस अखबार में लिखा गया है कि, घाटी के नौजवान नए भारत की प्रगति और संपन्‍नता का हिस्‍सा बनना चाहते हैं। गौर करने वाली बात ये है कि पाकिस्‍तान ने भारत के खिलाफ अनुच्‍छेद 370 पर समर्थन हासिल करने के लिए सऊदी अरब से काफी कोशिश की थी। इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच के संबंध में तनाव और परेशानी पैदा हो रही थी।


खो दिया पाकिस्‍तान ने अपना सच्‍चा साथी
गौर करने वाली बात ये है कि, जब पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत बुरे दौर से गुजर रही थी तब पाकिस्तान की मदद करने सऊदी ने अपना हाथ बढ़ाया था। पाकिस्‍तान को कोई भी देश कर्ज देने को तैयार नहीं था। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के 62 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। इसमें तीन अरब डॉलर कैश और 32 अरब डॉलर तेल और गैस की आपूर्ति के रूप में मदद की थी। सऊदी अरब और पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद का समृद्ध इतिहास रहा है। 1998 में जब पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किया तो सऊदी ने दुनिया के आर्थिक प्रतिबंधों के असर से पाकिस्तान को बचाया था। साल 2014 में भी सऊदी ने इस्लामाबाद को डेढ़ अरब डॉलर की मदद दी थी।


2020 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान जब पाकिस्तान दौरे में गए थे तब पाक पूरी तरह से मुश्किलों में था। उस समय पाकिस्तान आर्थिक संकट में फंसा हुआ था। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम हो गया था कि वो तेल का आयात बिल भुगतान करने लायक भी नहीं बचा था। उस वक्‍त पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा सिर्फ आठ अरब डॉलर बची है। साल 2019 में जब इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तब से पाकिस्तान खुद को दोषी न होने से बचाने की कोशिश कर रहे थे।


पाकिस्तान के साथ इस विवाद के बाद रियाद ने पाक को तेल और गैस आपूर्ति की सुविधा खत्म कर दी। साथ ही सऊदी ने कर्ज अदायगी में भी किसी तरह की रियायत देने से साफ मना कर दिया है। हालांकि, सऊदी से लिए गए कर्ज की अवधि पूरी हो रही है। सऊदी ने पाकिस्तान से सारे कर्ज देने के लिए मजबूर कर दिया है। सऊदी के बाद पाकिस्तान ने चीन से शरण ली। देखा जाए तो पाकिस्‍तान के विदेशी मुद्रा भंडार की हालत पहले से ही खराब है। ऐसे में पाकिस्तान के पास चीन से मदद मांगने के अलावा कोई सुझाव नहीं है।

सऊदी ने भारत-पाक के बीच के तनाव को कम करने की पहल की
सऊदी अरब के उप विदेश मंत्री एडेल अल जुबिर ने मार्च 2021, को कहा था कि उनका देश भारत और पाकिस्‍तान के तनाव को कम करने के लिए प्रयास कर रहा है और हमारा मुल्‍क पूरे इलाके में अमन और शांति चाहता है। उन्होनें कहा था की, हम इलाके में शांति लाने की कोशिश करते हैं। वह चाहे इजरायल और फ‍िलिस्‍तीनियों के बीच शांति का मामला हो या लेबनान, सीरिया, इराक, ईरान और अफगानिस्‍तान से जुड़ा मामला हो। अल जुबैर ने उस वक्त माना था कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

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