न मुन्नी होगी बदनाम न ही शीला होगी जवान, अब सिर्फ सर पर मलें झंडू बाम

अक्षरा सेंटरमुंबई। स्वयंसेवी संस्था अक्षरा सेंटर ने बॉलिवुड के डबल मीनिंग वाले सेक्सिस्ट गानों के खिलाफ ‘पेन उठाओ, गाना घुमाओ’ प्रतियोगिता आयोजित की। इस प्रतियोगिता में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और ऐसे गानों के अपने नए क्रिएटिव और प्रोग्रेसिव वर्जन तैयार किए। लोगों ने तमाम फिल्मी गानों के अपने ओरिजिनल नॉन सेक्सिस्ट वर्जन तैयार करके भेजे। इनमें तीन बेस्ट एंट्रीज को हाल ही में सम्मानित भी किया गया।

संस्था के मुताबिक, ‘पेन उठाओ, गाना घुमाओ’ कॉन्टेस्ट भले ही पूरा हो गया हो, लेकिन बॉलिवुड के डबल मीनिंग गानों के खिलाफ उनकी मुहिम अब भी जारी है।

प्रमुख चर्चा का विषय बने ये गानें-

तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त

अक्षय कुमार और रवीना टंडन की फिल्म ‘मोहरा’ का गाना ‘तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त’… तो आपने भी सुना होगा।

मगर अब जरा बच कर रहिए, क्योंकि आपके जेहन पर चिपकी वो ‘मस्त चीज’ नुमा लड़की अब ‘सख्त’ हो चुकी है। जी हां, ये नए जमाने के लोगों की नई सोच है, जिसने बॉलीवुड के डबल मीनिंग वाले गानों को नई प्रोग्रेसिव तर्ज पर बदल डालने की मुहिम छेड़ दी है।

न जाओ सइयां, छुड़ा के बइयां

‘न जाओ सइयां, छुड़ा के बइयां’, फिल्म ‘साहब, बीवी और गुलाम’ का सदाबहार गीत है, लेकिन 60 वर्षीय सीनियर सोशल वर्कर मनीषा गुप्ते के मुताबिक, ‘ये गाना क्लासिक होने के बावजूद कहीं न कहीं एक औरत की गरिमा पर चोट करता है।

मनीषा ने इस गाने को मां-बाप की प्रॉपर्टी में बेटे और बेटी को बराबर हक मिलने की पैरवी करने वाले नए बोल ‘ना मानूं भइया, पड़ो भी पइयां, कसम तुम्हारी मैं तो लड़ूंगी, हां लडूंगी’ से बदलकर ‘पेन उठाओ, गाना घुमाओ’ कॉन्टेस्ट में पहला स्थान हासिल कर लिया।

लैला मैं लैला

एसआईईएस कॉलेज, सायन की स्टूडेंट निशात करगाथला ने पुराने जमाने के हिट गाने ‘लैला मैं लैला’, जो सुपरस्टार शाहरुख खान की लेटेस्ट फिल्म ‘रईस’ का हिस्सा बनकर एक बार फिर सब तरफ गूंज रहा है, के बोलों को घुमाकर दूसरा स्थान हासिल किया है।

निशात ने ‘लैला ओ लैला…’ गाने के बोल को ‘नारी ओ नारी, आज की नारी, दुनिया बदल दे तू, ऐसी ये नारी…’ से बदल डाला।

निशात के अलावा ‘खाली-पीली, खाली-पीली रोकने का नइ, तेरा पीछा किया, तो टोकने का नइ’ गाने को ‘खाली-पीली, खाली-पीली रोकने का नइ, तुझ पे एफआईआर किया, तो चौंकने का नइ’, जैसे नए बोल देने वाली नवी मुंबई की साइकोलॉजिस्ट सदफ विधा गौतम गोपालकृष्णा भी दूसरे स्थान पर रहीं।

वहीं ‘तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त…’ गाने को ‘मैं लड़की बड़ी हूं सख्त-सख्त…’ का नया रूप देने वाले 22 वर्षीय स्टूडेंट रवि जायसवाल तीसरे स्थान पर रहे।

LIVE TV