क्या आप भी तो नहीं ले रहे गलत तरीके से सांस, हो सकती हैं ये तीन गंभीर बीमारियां

सांस लेने कानई दिल्ली। स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ हवा का होना बेहद जरुरी होता है। लेकिन अगर हवा स्वच्छ हो और आप सांस ही गलत तरीके से ले रहे हों। तब भी आप गंभीर बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं। क्या आपको पता है सांस लेने का भी सही और गलत तरीका होता है। अगर आपको ये बात अभी तक नहीं पता थी तो कोई बात नहीं। आज हम इस बात को उजागर करने जा रहे हैं।

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आज हम आपको सांस लेने से जुड़ी उस गलती के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में अधिकतर लोगों को नहीं पता होता और वो जाने-अनजाने में ये गलतियां करके बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं।

हर 10 में से 9 लोग कर जाते हैं ये गलती

ये खबर पढ़कर कोई भी सोच में पड़ सकता है कि आखिर सांस लेने में गलत क्या हो सकता है। लेकिन एक रिसर्च के मुताबिक हर 10 में से 9 लोग अक्सर ये गलती कर जाते हैं।

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शोध के अनुसार, अधिकतर लोग चेस्ट (सीने) से सांस लेते हैं। इस तरीके में सांस का फ्लो बॉडी में चेस्ट के नीचे प्रॉपर नहीं पहुंच पाता है, जिससे डिप्रेशन (अवसाद) सहित कई बीमारियों का खतरा रहता है।

ये है सांस लेने का सही तरीका

सांस लेने का सही तरीका लंग्स से होते हुए पेट से सांस लेना है। मतलब जब आप सांस लें तो सीने के साथ ही आपका पेट भी हिलना चाहिए। ऐसा करते समय फेफड़ों से एबडोमिनल तक का मूवमेंट होता है।

मालूम हो कि इसी नेचुरल तरीके से छोटा बच्चा भी सांस लेता है। हर इंसान को इसी पैटर्न में सांस लेना चाहिए। इससे बीमारियों पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है।

पेट से सांस लेने पर होता है इन बीमारियों से बचाव

शोध के मुताबिक पेट से सांस लेने वाले लोगों में दिल की बीमारियां, डायबिटीज और डिप्रेशन की संभावनाएं कम से कम होती हैं। स्ट्रेस के लिए जिम्मेदार कार्टिसोल नाम का हार्मोन भी कम होता है। इन सबसे इंसान हमेशा खुश रहता है। इससे लंग्स के डैमेज होने का भी खतरा रहता है।

एक घंटे में 1080 बार ऐसे लेनी चाहिए सांस

आयुर्वेद के एक्सपर्ट अबरार मुलतानी बताते हैं कि शरीर के लिए सबसे अच्छा टॉनिक ऑक्सीजन है। एक नॉर्मल इंसान अपनी लाइफ में 25 प्रतिशत फेफड़े का ही यूज कर पाता है। अगर वो लंग्स का प्रॉपर यूज करते हुए पेट के तरीके से सांस लेगा तो पूरी बॉडी में भरपूर ऑक्सीजन जाने के साथ ही फेफड़े का भी पूरा यूज होगा। एक इंसान एक मिनट में 18 बार सांस लेता है और एक घंटे में 1080 जबकि दिन में 25,920 बार सांस लेते हैं।

सही तरीके से सांस लेना क्यों है आवश्यक

सही तरीके से सांस लेने पर कम ऑक्सीजन वाले एरिया में होने पर भी हमारी बॉडी में ऑक्सीजन का फ्लो ऊपर से नीचे तक सही से पहुंचता है।

घर या ऑफिस में कवर्ड एरिया ज्यादा होने और ज्यादा लोगों के होने के चलते ऑक्सीजन फ्लो थोड़ा कम होता है। वहीं, खुले आसमान के नीचे इसका बहाव ज्यादा रहता है। लेकिन आज के माहौल में हमारा अधिकतर टाइम ऑफिस या घर में बीतता है इसलिए इन जगहों पर पेट से सांस लेते हुए ज्यादा ऑक्सीजन फ्लो जरूरी हो जाता है।

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पेट से सांस लेने पर लंग्स सहित पूरी बॉडी में ऑक्सीजन अच्छी तरह सर्कुलेट होती है। इससे ब्रेन में भी पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचती है, जिसे डायफ्रेगमेटिंग बीदिंग (Diaphragmatic breathing) भी कहा जाता है।

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