Birthdayspecial: जानिए यूपी के ‘अजेय’ मुख्यमंत्री की अनकही बातें  

लखनऊ : आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है. गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ अब यूपी के 21 वें सीएम की गद्दी पर विराजमान हैं. गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ का अजय सिंह से योगी और मुख्यमंत्री बनने का सफर बड़ा ही रोचक है. लेकिन उनके बारे में कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में कई लोग नहीं जानते हैं. उन्होंने देशहित के लिए कई काम किए हैं. लेकिन कभी उनका खुलकर जिक्र नहीं किया. इसलिए नहीं कि उनको किसी का डर था बल्कि इसलिए कि वह अपने मुंह मियां मिट्ठू नहीं बनना चाहते थे. आइए जानते हैं सीएम योगी की अनकही बातें,जिन्हें जानने के बाद हैरानी लाजमी है.

 

योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी के जन्मदिन पर पीएम मोदी के अलावा अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बधाई दी है. सीएम योगी ने सबका आभार जताया है.

योगी की अनकही बातें

इनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित पंचूर गांव में आनंद सिंह बिष्ट के घर में हुआ है.

बचपन से ही अजय मेधावी छात्र रहे हैं. योगी ने ऋषिकेश के इन्द्रानगर में दो साल रहकर श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटर की पढ़ाई की. उसके बाद कोटद्वार में रहकर गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित से ग्रेजुएशन की पढाई की है.

योगी आदित्यनाथ भाजपा के सांसद होने के साथ साथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं.

अजय से योगी बनने का सफर

अजय बिष्ट से महंत योगी आदित्यनाथ बनने का शानदार सफर 1994 में शुरू हुआ, जिस वक्त अजय बिष्ट कोटद्वार डिग्री कॉलेज में बीएससी की पढ़ाई कर रहे थे. उस दौरान गोरखपुर मठ के प्रमुख महंत अवैद्यनाथ थे, जो योगी के रिश्ते में मामा लगते थे. महंत अवैद्यनाथ भी यमकेश्वर ब्लॉक के ही कांडी गांव के रहने वाले थे.

गोखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने बाद में उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, जिसके बाद 1998 में योगी सांसद चुने गए.

जब योगी 12वीं लोकसभा में सांसद बनकर पहुंचे तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी. इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार सांसद चुने गएं.

सितंबर 2014 में गुरु महंत अवैद्यनाथ के प्राण त्यागने के बाद वह गोरखपुर मंदिर महंत यानी पीठाधीश्वर बने.

साल 2005 में महंत योगी ने कथिततौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल करावाया था. यह शुद्धिकरण का काम यूपी के एटा जिले में किया गया. साथ ही वह मुसलमानों की घर वापसी को लेकर भी चर्चा में रहे.

7 सितंबर 2008 को योगी पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला भी हो चुका है. इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे. इस हमले में सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया.

योगी के मठ में मुसलमानों का आना-जाना है. बीते 35 वर्षों से गोरखनाथ मंदिर के अंदर होने वाला हर निर्माण कार्य एक मुस्लिम की निगरानी में होता आ रहा है. यासिन अंसारी न केवल मंदिर में होने वाले निर्माण कार्य की देख रेख करते है बल्कि मंदिर के खर्च का हिसाब-किताब भी रखते हैं.

वर्ष 2007 में गोरखपुर दंगे में एक युवक की मौत के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया था.

 

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