पप्पू यादव का बड़ा बयान, राजनेताओं को बताया ‘असली’ नक्सली

पप्पू यादवगया। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने यहां सोमवार को एक अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा कि ‘असली’ नक्सली राजनेता हैं, नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नक्सली समस्या नेताओं की उपज है।

गया के इमामगंज में अयोजित संकल्प और आजादी रैली में उन्होंने कहा कि नक्सली भी इसी समाज के अंग हैं। उन्हें भी मान, सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने नक्सली के नाम पर निर्दोष लोगों को प्रताड़ित किया है और उनकी हत्या की है। नक्सली बताकर गरीबों का आर्थिक दोहन किया है। इसका खामियाजा आज पूरे समाज को उठाना पड़ रहा है।

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सांसद ने इस दौरान कथित रूप से नक्सली के नाम पर पुलिस व असामाजिक तत्वों की हिंसा के शिकार हुए 37 लोगों के आश्रितों को स्वरोजगार के लिए 25-25 हजार रुपये की आर्थिक मदद की। यह राशि चेक के माध्यम से दी गई। उन्होंने नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “मगध ज्ञान की भूमि है, महात्मा बुद्ध की तपस्थली है, परंतु नेताओं ने इसकी खूबसूरती को छीन ली है। सरकार की गलत नीतियों के कारण पूर इलाका रक्तरंजित हो गया।”

उन्होंने कहा कि सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था भूख, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी से लड़ने में नाकाम रही है। इसी कारण नक्सली आंदोलन को फैलने और जड़ जमाने का मौका मिला है।

यादव ने आरक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि सत्ता और विपक्ष दोनों आरक्षण की आड़ में जाति की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन अधिकार पार्टी आबादी के अनुपात में सभी जाति के गरीब लोगों के आरक्षण की पक्षधर है। इसी आधार पर आरक्षण का समर्थन करती है।

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रैली को जन अधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखलाक अहमद, प्रवक्ता श्याम सुंदर यादव, अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष आनंद मधुकर यादव, प्रदेश महासचिव उमर खान, गया जिला अध्यक्ष भवानी सिंह ने भी संबोधित किया।

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