विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस : जानें क्या है यह बीमारी और इसके बचाव के तरीके
बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर भी जवाब देने लगता है। शरीर कमजोर होने लगता है। शरीर की अधिकांश हड्डियों पर आपकी उम्र का खतरनाक असर दिखाई देने लगता है। एक उम्र के बाद आपकी हड्डियों का वजन कम हो जाता है। जिस कारण ये यह कमजोर हो जाती हैं। हड्डियां इस हद तक कमजोर हो जाती हैं कि एक छींक में टूट जाती है। पूरी दुनिया में आज के दिन को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह बीमारी सबसे ज्यादा 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है।
हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स से बनी होती हैं। बढ़ती उम्र के साथ खान-पान पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी हो जाता है नहीं तो हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं। इसके अलावा भी ऑस्टियोपोरोसिस होने के कई कारण हैं।
कारण
खान-पान और बदलता लाइफस्टाइल ।
व्यायाम की कमी ।
शराब का अत्याधिक सेवन करना ।
शरीर में कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन की कमी ।
ऑस्टियोपोरोसिस कई बार अनुवांशिक भी होता है। मतलब कि जिनके माता-पिता को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या है उनकी संतानों को भी इसका खतरा रहता है।
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लक्षण
सुबह शरीर में खासकर के कमर में तेज दर्द होना।
मामूली सी चोट पर हड्डी का टूट जाना।
बार-बार किसी हड्डी का टूटना।
शरीर के जोडों जैसे रीढ़, कलाई और हाथ की हड्डी में दर्द और फ्रैक्चर।
पूरा दिन शरीर में थकान बनी रहना।
इलाज
मरीजों को आमतौर पर विटामिन D के सैशे या टैब्लेट 6 हफ्ते दी जाती हैं।
इसके अलावा अलेंड्रोनेट हफ्ते में एक बार दी जाती है।
दर्द बहुत ज्यादा हो तो कई बार सर्जरी भी करनी पड़ती है. इसमें इंजेक्शन से हड्डी में सीमेंट डाला जाता है।
काइफोप्लास्टी का सहारा भी लिया जाता है. इसमें डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आता है।
कई बार हड्डीी को फिक्स करने के लिए भी सर्जरी की जाती है।
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बचाव
50 साल के बाद खान-पान का विशेष ध्यान दें।
समय-समय पर अपना एक्स-रे करवाते रहें।
आज के समय हर उम्र के व्यक्ति को व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करना ही सबसे अच्छा बचाव है।