विश्व पर्यावरण दिवस की थीम लगाएगी प्लास्टिक प्रदूषण पर रोक

5 जून को पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षण करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण को बचाने के लिए सन् 1972 में की गई थी। 5 जून 1974 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया गया था।

विश्व पर्यावरण दिवस

1972 में संयुक्त राष्ट्र में 5 जून से 16 जून तक मानव पर्यावरण में शुरू हुए सम्मेलन में भिन्न कार्यक्रमों की शुरूआत की थी। इस बार 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के पीछे यह उद्देश्य है कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके कि आखिर क्यों पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी है।

इस दिन हर जगह पर अलग-अलग तरीके से कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है, जिसमें पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष कदम उठाए जाते हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस 2018 की थीम ‘बीट प्लास्टिक पोल्यूशन’ रखी गई है। यानि प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कैसे खत्म किया जा सके।

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास

इस दिवस को मनाने का मकसद हैं कि पर्यावरण को साफ सुथरा रखा जाए, जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकारी और निजी संगठनों की नहीं है बल्कि ये जिम्मेदारी पूरे समाज की है।

1972 में संयुक्त राष्ट्र में 5 जून से 16 जून तक मानव पर्यावरण में शुरू हुए सम्मेलन में भिन्न कार्यक्रमों की शुरूआत की थी, जिसमें पर्यावरण को साफ रखने की एक अनेक प्रभावशाली कदम उठाएं गए थे।

1974 से दुनिया के अलग-अलग शहरों में विश्व पर्यावरण उत्सव की मेजबानी की जा रही है।

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का लक्ष्य

सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक सुखी भविष्य का आनन्द लेने के लिये लोगों को अपने आसपास के माहौल को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिये प्रोत्साहित करना चाहिये।

पर्यावरण को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी केवल सरकारी और निजी संगठनों की नहीं है। बल्कि इसकी जिम्मेदारी पूरे समाज की है।

विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन में पर्यावरण के तमाम मुद्दों जैसे-जल का संकट, वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिग का बढ़ता स्तर आदि विषयों को समाज का ध्यान आकृषित करना है।

विश्वभर में अभियान में प्रभाव लाने के लिये वर्ष के खास थीम और नारे के अनुसार हर वर्ष के उत्सव की योजना बनायी जाती है।

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