कभी सोचा है? रेलवे स्टेशनों पर क्यों लिखा होता है जंक्शन, टर्मिनस और सेंट्रल

जंक्शन, टर्मिनस और सेंट्रल

नई दिल्ली। अक्सर ट्रेन से सफर करते वक्त आपने अलग-अलग स्टेशनों पर जंक्शन, टर्मिनस और सेंट्रल लिखा देखा होगा। लेकिन क्या कभी आपने ये जानने की कोशिश की? आखिर यह क्यों लिखा होता है? इसके पीछे वजह क्या है? इसका मतलब क्या होता है? अगर आपके भी दिमाग में यह सवाल खुजलाते रहते हैं तो यह खबर आपके दिमाग को राहत दे सकती है।

जंक्शन का मतलब-

किसी स्टेशन के नाम के आखिरी में जंक्शन लिखे होने का मतलब यह होता है कि उस स्टेशन पर ट्रेन के आने- जाने के लिए 3 से अधिक रास्ते हैं। मतलब की एक रास्ते से ट्रेन आ सकती है और दो अन्य रास्तों से ट्रेन स्टेशन से जा सकता है। इसी वजह से कई स्टेशनों के नाम के अंत में जंक्शन लिखा होता है।

बांद्रा टर्मिनस

टर्मिनल का मतलब-

टर्मिनस को टर्मिनल भी कहा जाता है। टर्मिनल लिखा होने का मतलब यह होता है कि आगे रेलवे ट्रैक ही नहीं है। यानि ट्रेन जिस दिशा से आई है वापस उसी दिशा में जाएगी। इसका मतलब यह है कि ऐसे स्टेशन से है जहां से ट्रेन आगे नहीं जाती बल्कि वापस उसी दिशा में लौट जाती है जहां से वह वापस आई है।

सेंट्रलसेंट्रल का मतलब-

रेलवे स्टेशन के अंत में सेंट्रल लिखे होने का दूसरा मतलब ये भी है कि यह उस शहर का सबसे अधिक व्यस्त रहने वाला रेलवे स्टेशन है। जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल भारत में मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल त्रिवेंद्रम सेंट्रल, मंगलोर सेंट्रल, कानपुर सेंट्रल प्रमुख सेंट्रल स्टेशन हैं। यहां गाड़ियों की आवाज़ाही बाकी स्टेशनों के मुकाबले ज़्यादा रहती है। हालांकि यह ज़रूरी नहीं कि किसी शहर में एक से ज़्यादा स्टेशन होने पर वहां कोई सेंट्रल स्टेशन हो ही। बता दें कि भारत की राजधानी दिल्ली का कोई सेंट्रल स्टेशन नहीं है।

LIVE TV