दिल्ली की हवा कब होगी साफ: आज भी धुंध से घिरा आसमान, AQI ‘खराब’ स्तर पर, क्लाउड सीडिंग से उम्मीद

दीपावली के बाद छठे दिन भी दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली बनी हुई है। शनिवार सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 257 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। यह बीते दिनों के ‘बहुत खराब’ स्तर से थोड़ा सुधार तो दर्शाता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए अभी भी हानिकारक है। आनंद विहार जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में AQI 412 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है। हल्की धुंध और सड़कों पर उड़ती धूल ने विजिबिलिटी कम कर दी है, खासकर सुबह के समय।

दिल्ली के अन्य प्रमुख इलाकों में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। आईटीओ में AQI 250, आरके पुरम में 362, पटपड़गंज में 361 और अक्षरधाम के पास 350 दर्ज किया गया। धुंध की वजह से सुबह की विजिबिलिटी 500 मीटर से कम रही। हवा की रफ्तार 5-7 किमी/घंटा और नमी का स्तर 39% होने से प्रदूषक कण हवा में लटके हुए हैं। एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (EWS) के अनुसार, रविवार को AQI 375 तक बढ़ सकता है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होगा। हालांकि, 29 अक्टूबर को प्रस्तावित क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) से AQI में भारी गिरावट की उम्मीद है, यदि बादल अनुकूल रहे।

एनसीआर के शहरों में प्रदूषण का हाल

एनसीआर के अन्य शहरों में भी हवा में सुधार तो दिखा है, लेकिन राहत सीमित है। गाजियाबाद सबसे प्रदूषित रहा, जहां AQI 269 (‘खराब’) दर्ज हुआ। नोएडा और ग्रेटर नोएडा रेड जोन से ऑरेंज जोन में पहुंच गए हैं, लेकिन ‘बहुत खराब’ के करीब हैं। हवा की रफ्तार बढ़ने और तापमान में हल्की वृद्धि से प्रदूषण कुछ बिखरा है, लेकिन पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर अभी भी WHO मानकों से ऊपर है। फरीदाबाद में औसत AQI 198 रहा, जबकि गुड़गांव में 219। यूपीपीसीबी अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य पर रोक के बावजूद वाहनों के उत्सर्जन और धूल मुख्य समस्या हैं।

शहर/इलाकाAQI स्तर
दिल्ली (औसत)257
आनंद विहार412
आईटीओ250
आरके पुरम362
पटपड़गंज361
गाजियाबाद269
नोएडा (औसत)246
ग्रेटर नोएडा (औसत)262
फरीदाबाद (औसत)198
गुड़गांव219
नॉलेज पार्क 3 (ग्रेनो)258
सेक्टर 125 (नोएडा)225
एनआईटी (फरीदाबाद)229

ग्रेटर नोएडा में हवा की रफ्तार 5.6 किमी/घंटा और आर्द्रता 39% रही। नॉलेज पार्क-3 में पीएम 2.5 267 और पीएम 10 159 µg/m³ दर्ज हुआ। क्षेत्रीय अधिकारी विवेक मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन हो रहा है, लेकिन क्लाउड सीडिंग का असर यहां भी दिखेगा। GRAP-2 के तहत निर्माण सीमित हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि मास्क पहनें, बाहर कम निकलें और एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें। अगले दो दिनों में हवाओं के बदलाव से AQI बढ़ सकता है, लेकिन 29 अक्टूबर के बाद राहत की उम्मीद है।

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