… क्या होगा जब रात में पहनने वाला कॉन्टेक्ट लेैंस बाजार में आएगा

जिन लोगों को आंखे कमजोर होती है उनके लिए आंख का ऑपरेशन करवाना और भी जरूरी हो जाता है। लेकिन ऑपरेशन के अलावा आप अपनी आंख पर चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं या तो फिर आप कॉन्टेक्ट लैंस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस तरह के लैंस का इस्तेमाल अगर आप कभी-कभी करें तो ही ठीक रहता है। रोज के इस्तेमाल से इस तरह के लैंस से कई हानिकारक बीमारियों के होने की आंशका रहती है। आज हम आपको कॉन्‍टेक्‍ट लैंस के बारे में कुछ बाते बताने जा रहे हैं।

आंख का ऑपरेशन

रोने से नमक जाता है

जी, यह बात सही है कि आंसुओं में नमक होता है, लेकिन यह बात जानकर आप हैरान हुए बिना नहीं रह पाएंगे। रोने के दौरान आपकी आंखों से जो आंसु निकलते हैं, वे वास्‍तव में आंख में रहने वाले आंसुओं की अपेक्षा कम नमकीन होते हैं। इसलिए जब आप रोते हैं, तो आप आंख की पुतली में नमक के संतुलन पर असर डालते हैं। रोने के बाद आपके कॉन्‍टेक्‍ट लैंस उतने नमकीन नहीं रहते, जिससे आपको अजीब लग सकता है।

आंख का ऑपरेशन

लेसिक सर्जरी से बेहतर है लेंस

लोगों को लगता है कि चश्मा लगाने में कठिनाई हो रही है तो वह लोग ऑपरेशन का चुनाव करते हैं। इसलिए लोग लेसिक ऑपरेशन करवाने का वारे में सोचते हैं। लेकिन एक समय के बाद आपको ऑपरेशन करवाने की दिक्कत बहुत होने लगती है। लेकिन आपको बता दें कि ऑपरेशन करवाने के बाद आंख बहुत ही ड्राई हो जाती है रात को ठीक से दिखाई देने में भी समस्या होने लगती है।

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लैंस का इस्तेमाल

कॉन्टेक्ट लैंस कई प्रकार के होते हैं। जैसे कि डेली, दो सप्‍ताह में एक बार या महीने में एक बार आदि प्रमुख हैं। लेकिन जिनको लैंस का इस्तेमाल रोज करना होता है वह अपने लिए ऐसे लैंस का इस्तेमाल करते हैं जो लंबे समय तक बदलना ना पड़ें। एक बार लें और सालभर तक तो चल ही जाए।

सही से न हो सफाई, तो डेलीज महंगे

लोग अकसर इन लैंस की कीमत को लेकर परेशान रहते हैं। लेकिन, अगर इसमें लैंस को साफ करने वाले सॉल्‍युशन की कीमत और अन्‍य चीजें जोड़ लें, तो यह लंबे समय तक पहने जा सकने वाले लैंस के बराबर कीमत का ही बैठते हैं। ये उन लोगों के लिए भी बेहतर होते हैं, जो नियमित रूप से लैंस पहनते हैं, क्‍योंकि लैंस को लंबे समय तक सॉल्‍युशन में नहीं रखा जा सकता।

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रात को पहने जा सकने वाले लैंस

भविष्‍य में ऐसा होता नजर आ रहा है। रात को लैंस लगाकर सोयें और सुबह तक आपकी नजर पूरी तरह ठीक हो जाएगी। लेकिन कॉर्निया को री-शेप करने की यह ऑर्थेाकेराटोलॉजी या ऑर्थो-के काफी बरसों से मौजूद है। आर्थो-के लैंस कॉर्निया को रात भर में ठीक कर देते हैं। कॉर्निया दिन भर उसी आकार में रहता है। यह प्रक्रिया बच्‍चों और किशोरों में ठीक रहती है, जिनकी नजर लगातार बदलती रहती है। ऐसे जो चश्‍मा नहीं पहनना चाहते और जिन्‍हें हल्‍का निकट दृष्टि दोष है। इसकी कीमत में अंतर हो सकता है

 

 

 

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