वो मुख्यमंत्री… जिसे सरकारी प्लेन से लाए गए पजामे पहन कर सोने की सनक थी

भारतीय राजनीतिभोपाल। भारतीय राजनीति में ऐसे कई राजनेता हुए हैं, जिनके किस्से सुनकर आप उनके सियासी रसूख का अंदाज़ा लगा सकते हैं। इसी फेहरिस्त में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचन्द्र सेठी का नाम भी शुमार है। लेकिन इनकी कहानी थोड़ी हटके है।

बता दें मध्यप्रदेश आज अपना 62वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर वहां के मुख्यमंत्री रह चुके सेठी के चर्चे आम हो गये हैं।

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कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के गृह मंत्री रह चुके सेठी का नाम इन दिनों चर्चा में है, उसकी वजह उनका पजामा है।

बता दें प्रकाशचंद्र सेठी चार साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और फिर श्यामाचरण शुक्ल को अपनी कुर्सी सौंपकर केंद्र की राजनीति में चले गए।

सेठी, इंदिरा गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। शायद यही वजह थी कि गांधी ने अपने मंत्रिमंडल में उन्हें गृह मंत्री पद से नवाजा था।

हालांकि उनके बारे में ये भी चर्चा थी कि वो भाषण देते हुए बहक जाया करते थे। इसकी शिकायत कई बार इंदिरा गांधी से की गई थी, जिसके बाद श्रीमती गांधी ने उन्हें योगाचार्य के जम्मू स्थित आश्रम में पंद्रह दिन तक योग करने के लिए भेज दिया था।

यही नहीं सेठी के राजनीतिक करियर में ऐसी कई सुर्खियां बनीं, लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा दिलचस्प किस्सा गुलाम नबी आजाद की शादी से जुड़ा हुआ है।

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दिवंगत आईएएस अफसर व पद्म भूषण से सम्मानित एमएन बुच ने अपनी किताब ‘वेन दी हार्वेस्ट मून इज ब्लू’ और वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने अपनी किताब ‘राजनीतिनामा मध्य प्रदेश’ में इस किस्से का जिक्र किया है।

किताब के अनुसार मुख्यमंत्री रहते हुए सेठी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी की शादी में शरीक होने के लिए सरकारी हवाई जहाज से श्रीनगर गए थे।

मुख्यमंत्री के अन्य ज़रूरी कार्यों की वजह से उसी दिन रात को वापस भोपाल भी लौटना था। लेकिन परिस्थितयां कुछ ऐसी हो गई कि सेठी ने रात को श्रीनगर में ही रूकने का फैसला लिया।

लेकिन शाम को मुख्यमंत्री को याद आया कि वो रात में पहनने के लिए पजामा तो लेकर ही नहीं आए। इसके बाद उन्होंने अपने स्टाफ को तुरंत इस बात की जानकारी दी और सरकारी विमान से पजामा लेने के लिए करीब 1600 किलोमीटर दूर भोपाल रवाना कर दिया।

बताया जाता हिया कि विमान से जब उनका पजामा रात को करीब साढ़े नौ बजे श्रीनगर पहुंचा, जिसके बाद सेठी ने पजामा लिया और कमरे में सोने चले गए।

 सेठी का सियासी सफरनाम

इंदिरा गांधी के कैबिनेट में प्रकाशचंद्र सेठी गृहमंत्री रहे लेकिन राजीव गांधी ने उन्हें कभी मंत्री पद नहीं दिया। तमाम विवादों में रहने के बावजूद उनकी ईमानदारी के राजनीतिक विरोधी भी कायल थे।

बता दें 1990 में इंदौर लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में उन्हें मौजूदा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हरा दिया था।

जिंदगी के अंतिम वर्षों में उनपर आर्थिक संकट का बोझ आ गया था उनके पास इलाज के लिए भी पैसे नहीं थे। लेकिन उस समय के मुख्यमंत्री ने उनके रहने के लिए सरकारी बंगले और इलाज का इंतजाम करवाया था।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रकाशचंद्र सेठी के राजनीतिक करियर पर लगभग विराम सा लग गया। उसके बाद उन्हें सक्रिय राजनीति में आने का मौका नहीं मिला।

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