आयुर्वेद के नाम पर बाबा रामदेव ने खेला ‘अप्राकृतिक खेल’, अब हाईकोर्ट वसूलेगा जुर्माना

बाबा रामदेव की मुश्किलेंनई दिल्ली। लोगों को विदेशी प्रोडक्ट छोड़ स्वदेशी अपनाने की सलाह देने वाले और आयुर्विज्ञान का पाठ पढ़ाने वाले पतंजलि आयुर्वेद संस्था के निदेशक बाबा रामदेव की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। दरअसल नोएडा में पतंजलि आयुर्वेद को जमीन आवंटन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगगुरु बाबा रामदेव को नोटिस जारी जवाब तलब किया है। इसके लिए उसने दस दिन की समयसीमा तय की है।

इसके साथ ही जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस अजय भनोट की खंडपीठ ने यह आदेश जारी करते हुए यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी से भी विस्तृत हलफनामा तलब किया है। दरअसल पतंजलि आयुर्वेद पर यह आरोप है कि उसने नोएडा में बन रहे फूड एंड हर्बल पार्क के लिए बिना किसी की परमिशन के सैकड़ों हरे भरे पेड़ काटे डाले हैं। जिसको लेकर औसाफ समेत नौ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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बाबा रामदेव पर लगे इस आरोप के बाद हाईकोर्ट ने भी यह सवाल पूछा है कि आखिर किसकी इजाजत से ये पेड़ काटे गए हैं। बता दें कि नोएडा निवासी औसाफ समेत नौ अन्य किसानों ने हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दाखिल की थी। वहीं हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार और यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी ने जवाब दाखिल कर कोर्ट को बताया है कि उन्होंने पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी थी।

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बाबा रामदेव की कंपनी के पास जो जमीन है वह लगभग 30 साल पहले कई किसानों को पट्टे पर दी गई थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने पिछले साल फूड एवं नेचुरल पार्क के लिए पतंजलि आयुर्वेद को नोएडा के कादिलपुर और सिलका गांव में साढ़े चार हजार एकड़ जमीन दी थी।

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