
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी जैसे पागल इंसान को फौरन सरकारी पद से हटा दें, जिसने अपनी बयानबाजी से देश के 25 करोड़ मुसलमानों का दिल दुखाया है। साथ ही हिन्दू-मुसलमानों के बीच एक गहरी खाई पैदा करने की कोशिश की है। यह बात रविवार को यहां उत्तर प्रदेश मदरसा एसोसिएशन की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय भागीदारी आन्दोलन के अध्यक्ष पीसी कुरील ने कही।
उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी भ्रष्टाचारी इंसान हैं, जो बयानबाजी कर के शिया वक्फ़ बोर्ड की चेयरमैनी को बचाये रखना चाहता है जबकि वास्तविकता यह है कि यह देश हिन्दुओं के साथ-साथ मुसलमानों का भी है।
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कुरील ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने अगर सच्चे मन से मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक न देने का अधिकार दिलाया है तो वह इन मुस्लिम महिलाओं को सरकारी नौकरियों में भी भागीदारी दें।
इण्डियन नेशनल लीग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि भाजपा ने हुकूमत में आते ही मुसलमानों की शिक्षा को नेस्तनाबूद करने के लिए षड़यन्त्रकारी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिसमें मदरसों का वेतन रोक दिया गया और मदरसों की जांच के नाम पर सुबह व शाम मदरसों के प्रबन्धकों को परेशान करवाना शुरू कर दिया और अब अपने खरीदे हुए गु़लामों से मदरसों पर नित नये फर्जी इल्जामात लगवा रहे हैं।
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उप्र. मदरसा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद फहीम सिद्दीकी ने मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि आप अक़्ल का सही इस्तेमाल करें, रंजिश और अदावत को छोड़ दें। मुसलमानों के शिक्षा संस्थानों में अन आवश्यक छेड़छाड़ न करें और मुसलमानों को शिक्षा के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद करें, इसी में देश व प्रदेश का विकास और भलाई है।