विजय दिवस : सैनिकों ने दिखाया था पराक्रम, 13 दिन और कदमों में पाकिस्तान
नई दिल्ली। भारतीय इतिहास के पन्नों में आज की तारीख यानी 16 दिसंबर का पन्ना स्वर्णिम अक्षरों से भरा गया है। सन 1971 में 13 दिनों तक चले भारत और पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को युद्ध के मैदान में धूल चटा दी थी। इतना ही नहीं इस युद्ध में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने समर्पण कर दिया था। वहीँ 9000 पाकिस्तान सैनिक मारे गए थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़े इस महायुद्ध में भारत और बांग्लादेश ने भी अपने 3843 सैनिकों को खोया था। जिनकी याद में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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पाकिस्तान के साथ युद्ध की बरसी के मौके पर शहीद जवानों को याद करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और वायुसेना प्रमुख बिरेंद्र सिंह धनोआ भी मौजूद थे।
क्यों छिड़ा था भारत पाक के बीच महा युद्ध
जानकारी के लिए बता दें कि, आज जिस देश को हम बांग्लादेश के नाम से जानते हैं वो पहले पूर्वी पाकिस्तान था और पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) के खिलाफ मोर्चा खोला था। ऐसे में भारत ने तय किया कि वो बांग्लादेश का साथ देगा और पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने लगा। ख़ास बात ये है कि इस पूरे प्रकरण में अमेरिका पाकिस्तान का साथ दे रहा लेकिन भारत ने अमेरिका के इस रवैये के आगे घुटने नहीं टेके।
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3 दिसम्बर को इंदिरा गांधी ने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए बताया कि “पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमलें कर दिए हैं और भारत इन सभी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देगा”। इंदिरा गांधी के इस सन्देश के बाद भारत और पाकिस्तान में युद्ध की शुरुआत हुई जो 13 दिनों तक चली।
भारत ने समर्पण के लिए किया मजबूर
उस समय जगजीत सिंह अरोड़ा भारतीय सेना के कमांडर थे। साहस और युद्ध कौशल का परिचय देते हुए अरोड़ा ने पाकिस्तानी सेना को समर्पण के लिए मजबूर कर दिया था।
ढाका में उस समय तकरीबन 30000 पाकिस्तानी सैनिक मौजूद थे और लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह के पास ढाका से बाहर करीब 4000 सैनिक ही थे। लेकिन दूसरी टुकड़ियों के पहुंचने से पहले ही लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह ढाका में पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी से मिलने पहुंचे और उन पर मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर उन्हें आत्मसमर्पण के लिए बाध्य कर दिया और इस तरह पूरी पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
#Delhi: On #VijayDiwas, Defence Minister Nirmala Sitharaman, Army chief Gen Bipin Rawat, Chief of Naval Staff Admiral Sunil Lanba & Chief of Air Staff Air Chief Marshal Birender Singh Dhanoa pay tributes to soldiers who lost their lives in 1971 Indo-Pak war at Amar Jawan Jyoti. pic.twitter.com/AKSzG7QVsa
— ANI (@ANI) December 16, 2017
On Vijay Diwas, we salute the brave souls of the Indian Defence forces and remember their victory after fighting relentlessly on our borders for the liberation of Bangladesh. pic.twitter.com/FbI1jXcdBq
— Congress (@INCIndia) December 16, 2017
Let us pay respects and homage to all who participated in 1971 war resulting in liberation of Bangladesh .This military operation is unparalleled in the world for swiftness and result. My salute to all the heroes and martyrs. pic.twitter.com/V4uWHN6xTQ
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) December 16, 2017