बारिश के दिनों में पैरों में संक्रमण का कारण हो सकता है वेनस इन्सफीसिएंसी, जानें कैसे

बारिश के मौसम में लापरवाही बरतना बिल्कुल सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं होता है। बारिश के दिनों में कई तरह के संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण के कारण पैरों में दर्द, सूजन, बुखार जैसा समस्याएं आम बात हैं। बरसात में पानी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या फंगल इंफेक्शन यह सब होने का खतरा और भी बढ़ जाता है। वेनस इन्सफिसिएंसी भी पैरों में होने वाला एक ऐसा ही रोग है, जिसका शुरुआती लक्षण पैरों और घुटनों में सूजन हो सकती है।

वेनस इन्सफीसिएंसी

क्या है वेनस इन्सफिसिएंसी

वेनस इन्सफिसिएंसी में पैरों की नसों में पाया जाने वाला वेनस वॉल ठीक से काम नहीं करता है। इस  बीमारी में दिल से आया खून पैरों तक ही आकर रुक जाता है। इस बीमारी में खून दोबार दिल तक नहीं जा पाता है। हमारे शरीर को स्वस्थ्य रहने के लिए लगातार खून का प्रवाह होना जरूरी होता है। खून जितना ज्यादा प्रवाह करेगा उतना ही हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होगा । इस खून के पैरों में ही रुक जाने के कारण पैरों में सूजन हो जाती है।

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वेनस इन्सफीसिएंसी

वेनस इन्सफिसिएंसी का ज्यादा खतरा

प्रेगनेंसी में।

जो लोग काम कम करते हैं।

जिन्हें धूम्रपान करने की आदत हो।

यह बीमारी बच्चों के नहीं होती है।

50 साल की उम्र से ज्यादा के व्यक्ति को।

जिन लोगों को मोटापे की समस्या हो।

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प्रेगनेंसी

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों और घुटनों में दर्द होना एक आम समस्या है। इस समस्या से प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को गुजरना पड़ता है। लेकिन ज्यादा दर्द और सूजन के कारण प्रीक्लेम्पसिया होने का खतरा बढ़ जाता है। प्रीक्लेम्पसिया एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह के बाद मूत्र में उच्च रक्तचाप और प्रोटीन विकसित हो जाता है।

 

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