
अमेरिकी टैरिफ में भारी वृद्धि के संभावित प्रभावों से निपटने के लिए भारत अपने निर्यात में विविधता लाने पर विचार कर रहा है।

अमेरिकी टैरिफ में भारी वृद्धि के संभावित प्रभावों से निपटने के लिए भारत अपने निर्यात में विविधता लाने पर विचार कर रहा है। दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय ने राजकोषीय घाटे से बचने के लिए भारतीय वस्तुओं का निर्यात करने वाले 50 से ज़्यादा देशों को चुना है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। मध्य पूर्व, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, यूरोप और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में स्थित ये देश सामूहिक रूप से भारत के कुल निर्यात का लगभग 90 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस पहल का उद्देश्य, बढ़ते टैरिफ से प्रभावित वस्तुओं, जैसे कपड़ा, समुद्री भोजन, इंजीनियरिंग उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, पेट्रोलियम वस्तुएं और रसायन, को केंद्रित व्यापार संवर्धन और उन्नत बाजार पहुंच रणनीतियों का उपयोग करके नए बाजारों की ओर भेजना है। वाणिज्य मंत्रालय इस प्रयास के लिए विस्तृत एवं समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने हेतु बैठकें कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत रूस से तेल की खरीद पर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया। ये शुल्क ट्रंप द्वारा 31 जुलाई को भारत और कई अन्य देशों पर लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त थे। प्रारंभिक 25 प्रतिशत टैरिफ 7 अगस्त को लागू हुआ, जबकि अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ 21 दिन बाद लागू होगा।