श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता पर बिफरे वेदांती, कहा- ‘जेल गए हम, लाठियां खाई हमने, कौन होते हैं वो’
लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने मध्यस्थता के लिए आगे आये थे। लेकिन अब मंदिर निर्माण के मामले में श्री श्री रविशंकर की भूमिका को लेकर बीजेपी के पूर्व सांसद ने सवाल खड़ा कर दिया है।
बीजेपी के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती का कहना है कि राम मंदिर मामले में मध्यस्थता करने वाले रविशंकर कौन होते हैं। रामविलास वेदांती ने कहा- ‘जेल गए हम, लाठियां खाई हमने और अचानक से श्रीश्री रविशंकर आ गए’। उन्होंने कहा कि रविशंकर तब कहां थे जब हम संघर्ष कर रहे थे।
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रामविलास वेदांती का कहना है कि अयोध्या में केवल राम मंदिर ही बनेगा। मस्जिद बनने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। राम मंदिर के लिए के लिए चाहे जितना बालिदान देना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे। चाहे इसकी कीमत जान देकर ही क्यों न चुकानी पड़े।
बता दें श्री श्री रविशंकर ने सीएम योगी से खास मुलाकात की। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक CM हाउस में बातचीत हुई। श्रीश्री रविशंकर 16 नवंबर को अयोध्या भी जाएंगे। मुख्यमंत्री के अलावा वे फिरंगी महली के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। इनमें दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, शिव सेना, हिंदू महासभा के अलावा विनय कटियार से भी मुलाकात का भी कार्यक्रम है। बता दें कि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर श्री श्री रविशंकर कई लोगों से बात कर चुके हैं। सीएम योगी से मिलने के बाद रविशंकर अयोध्या भी जाएंगे।
इन चार मुद्दों पर रहेगा फोकस –
- हल निकालने के लिए दोनों तरफ से किसको शामिल किया जाएगा?
- आखिरी मसौदा किस तरह तैयार होगा और कोर्ट में किस रूप में पेश होगा?
- बातचीत के बाद राज्य और केंद्र सरकार का क्या रोल रहेगा?
- बाबरी मस्जिद और राम मंदिर के मुद्दों पर अलग-अलग पक्षों से बात करने का क्या रोडमैप होगा?
वहीं श्री श्री रविशंकर से मुलाकात को लेकर फिरंगी महली के खालिद रश्दी फिरंगी ने कहा कि वह एक बड़े आध्यात्मिक गुरू हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। अगर उनके पास इस मुद्दे का कोई हल है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के सामने इसका हल रखना चाहिए।
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लेकिन अगर इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप होता है तो इसका हल निकलना मुश्किल हो जाएगा। आगे खालिद रश्दी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कोर्ट के फैसले के आधार पर काम करेगा, हमें किसी तरह का कोई पत्र नहीं मिला है।
बता दें कि श्रीश्री रविशंकर 16 नवंबर को अयोध्या जा रहे हैं। वहां वे रामलला के दर्शन करेंगे साथ ही अलग-अलग अखाड़ों और संतों से मुलाकात करेंगे। अयोध्या से लौटने के बाद योगी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ श्रीश्री रविशंकर से मिलेंगे।
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