वास्तु के साथ-साथ सेहत को भी प्रभावित करता है घर में रखा कूढ़ा, हो सकती है होर्डर की समस्या
अगर आपके घर में कोई ऐसा हैं जिसे चीजें संजोने का शौक होता है। तो यह महज एक शौक नहीं हो सकता । यह एक खतरनाक बीमारी भी हो सकती है। यह एक साइकोलॉजिकल डिस्ऑर्डर हो सकता है। जिसका नाम है होर्डर। ऐसे लोगों को घर की बेकार की चीजें फेंकने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको इस बीमारी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते बताने जा रहे हैं।
क्या है समस्या
ऐसे लोगों को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह लोग अपने घर के सदस्यों से भी दूर हो जाते हैं। इससे उनकी भावना, शरीर, समाजिक, आर्थिक सभी तरह की स्थितियां प्रभावित होती हैं। इतना ही नहीं रोगी के साथ-साथ इस बीमारी से घर के सदस्य भी प्रभावित होते हैं। ऐसे लोगों क अखबार,मैगजीन, प्लास्टिक बैग, कार्डबोर्ड, बॉक्सेस, फोटोग्राफ्स, घरों की चीजें, खाद्य पदार्थ और कपड़े जमा करने की आदत होती है। सेहत के साथ-साथ वास्तु के हिसाब से भी घर में बेकार का समान नहीं होना चाहिए। यह बुरी तरह घर को प्रभावित करता है।
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अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं वजह
होर्डिंग एक प्रकार का डिसऑर्डर है, जिसके कि अपने लक्षण होते हैं या फिर यह अन्य समस्याओं के लक्षण के रूप में भी उभर सकता है। जैसे ऑब्सेसिव कम्प्लसिव पर्सनेलिटी डिसऑर्डर, ऑब्सेसिव कम्प्लसिव डिसऑर्डर, हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर और डिप्रेशन। इससे पीड़ित व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि जो चीजें वह जमा कर रहा है वे भविष्य में काम आएंगी। या उन्हें लगता है कि इन चीजों का भावनात्मक महत्व और उन्हें फेंक पाना असंभव है। इन चीजों को वे अपनी यादों से जोड़कर देखते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है इन चीजों के कारण ही वह उस व्यक्ति या उस क्षण को याद रख सकता है, वरना सारी यादें सामान फेंकने के साथ खत्म हो जाएंगी।
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लक्षण
पुरानी चीजों को फेंकने में असमर्थता।
यदि कोई उनकी चीजों को फेंकने की कोशिश करे, तो गंभीर एंग्जाइटी की स्थिति पैदा होना।
जमा की गई चीजों को अलग करने या व्यवस्थित करने में परेशानी महसूस होना।
निर्णय न ले पाना कि क्या चीजें फेंकनी हैं या क्या रखनी हैं।
जमा की गई चीजों को लेकर तनाव में रहना।
अन्य लोगों पर शक करना कि कहीं उसकी चीजों को कोई हटाने की कोशिश तो नहीं कर रहा।
लोगों से खुद को अलग-थलग कर लेना, बार-बार बीमार पड़ना।