Uttarakhand: हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए सरकार ने दी चार घंटे की अनुमति

उत्तराखंड।  लोगों को अपने परिजनों की अस्थियों के विसर्जन करने के लिए राज्य सरकार से अब चार घंटे का समय मिला है. इस अनुमति मिलने के बाद से लोग बड़ी संख्या में लोग बॉर्डर पर अस्थियां लेकर पहुंच रहे हैं. बॉर्डर से इन्हें हरिद्वार जाकर अस्थि विसर्जन के लिए चार घंटे का समय दिया जा रहा है.  दो दिन की अवधि में भगवानपुर और नारसन बॉर्डर पर करीब 533 लोग अस्थियां लेकर पहुंचे, जिन्हें हरिद्वार के लिए रवाना किया गया। वहीं रविवार को केवल 24 घंटे के अंदर ही 373 लोग यहां पहुंचे थे.

 

 

भगवानपुर के मंडावर चेक पोस्ट पर सोमवार को करीब 60 लोग अपने परिजनों और रिश्तेदारों की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित करने के लिए पहुंचे। पुलिस की ओर से इन लोगों को हरिद्वार आने-जाने और क्रियाकर्म के लिए चार घंटे का समय देकर रवाना किया गया। दूसरी ओर, नारसन बॉर्डर पर भी करीब 60 लोग अस्थि विसर्जन को हरिद्वार जाने के लिए पहुंचे।

 

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इन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई। मंडावर चेक पोस्ट पर तैनात एसआई दीपक लिंगवाल ने बताया कि लोगों की स्क्रीनिंग कर समय के साथ पूरा रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है। वहीं एसपी देहात स्वप्न किशोर ने बताया कि लोग अस्थि विसर्जन कर जल्द रवाना हो जाएं, इसलिए चार घंटे का समय दिया जा रहा है। इसी अवधि में उन्हें बॉर्डर से हरिद्वार जाकर अस्थि विसर्जन कराना है और लौटकर बॉर्डर पहुंचना है।

जिनके यजमान फोन कर रहे, वही जा सकते हैं घाट पर

लंबे इंतजार के बाद हरिद्वार में अस्थि प्रवाह और मृतक कर्मकांड में तेजी आने लगी है। फिलहाल तीन राज्यों से यात्रियों का ज्यादा आगमन हो रहा है। कर्मकांड कर तीर्थ यात्री तत्काल लौट जाते हैं। हरकी पैड़ी और कुशावर्त घाट पर यात्रियों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

 

अखिल भारतीय पुरोहित महासभा और गंगा सभा ने केवल उन्हीं पुरोहितों को घाटों और गद्दियों पर जाने के निर्देश दिए हैं, जिन्हें अपने यजमानों के आगमन की सूचना फोन पर मिल गई हो।

 

हरियाणा, दिल्ली और पंजाब से अनुमति लेकर श्रद्धालु मृतक परिजनों का अस्थि प्रवाह करने पहुंच रहे हैं। अखिल भारतीय पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ खुद हरकी पैड़ी और कुशावर्त घाट जाकर यात्रियों और पुरोहितों के बीच शारीरिक दूरी स्थापित करा रहे हैं।

 

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