Uttarakhand: त्रिवेंद्र सरकार ने की अबतक 45 हजार प्रवासियों की घर वापसी, इनमें होम क्वारंटीन की औसत कम
उत्तराखंड। लॉकडाउन होने के बाद कई प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंस गए थे जिस कारण उनका वहां पर बिना आमदनी के रहना मुश्किल हो गया था. उन्होंने अपने घरों को पहुंचने के लिए पैदल ही यात्रा शुरु कर दी जिस वजह से नियमों का उल्लंघन हुआ और कोरोना का खतरा बढ़ता दिखा. इसी परेशानी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने सभी को अपने गृह राज्य लाने का फैसला किया. इस कवायद में उत्तराखंड सरकार ने अबतक 45 हजार प्रवासियों की राज्य में वापसी की है. लेकिन इनमें से होम क्वारंटीन होने वाले लोगों की संख्या कम है.
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में 14 हजार लोग होम क्वारंटीन हुए है। जो कि आने वाले प्रवासियों का करीब 31 फीसदी है। यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया और मेडिकल जांच में ढील बरती गई तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 21 अप्रैल 2020 तक प्रदेश में 63 हजार से अधिक लोगों को होम क्वारंटीन किया गया था।
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14 हजार लोग ही होम क्वारंटीन
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले लोगों में यदि कोई संदिग्ध लक्षण नहीं दिखाई देता है, तो भी एहतियात के तौर पर 14 दिन होम क्वारंटीन में रहना है। लेकिन प्रदेश में हाल ही में गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से प्रवासियों को उत्तराखंड लगाया गया है।
इनमें से करीब 14 हजार लोग ही होम क्वारंटीन में रखे गए हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत का कहना है कि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों की प्रदेश की सीमा पर चेकिंग की जा रही है। यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के संदिग्ध लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उनका सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है।
निजी लैब की जांच में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं
अपर सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से आ रहे लोगों को होम और संस्थागत क्वारंटीन कर रहे हैं।
प्रदेश की एक मात्र निजी पैथोलॉजी लैब में अभी तक एक भी सैंपल में कोरोना संक्रमण नहीं मिला है। प्रदेश में अब तक 10471 सैंपलों की जांच की गई। इसमें निजी पैथोलॉजी लैब में 731 सैंपल जांचे गए।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने कहा कि पंजीकृत प्राइवेट डॉक्टर अपने पर्चे में जांच की सलाह दे सकता है। निजी लैब में प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों की सलाह पर ही कोरोना सैंपल की जांच की जा रही है।