
उत्तराखंड में मानसून की विदाई के बावजूद भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है। मलबा गिरने और भूस्खलन से राज्य में 203 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे हजारों यात्री और ग्रामीण प्रभावित हैं। भारत मौसम विभाग (IMD) ने 14 सितंबर तक कई जिलों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है, जिससे बाढ़, भूस्खलन और जलभराव की आशंका बनी हुई है।

कुमाऊं क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित है, जहां नैनital, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
सड़क बंदी का विवरण
भारी बारिश के कारण मलबा गिरने से ग्रामीण और राज्य सड़कें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार:
- कुल बंद सड़कें: 203, जिसमें 140 से अधिक PMGSY (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) सड़कें और 50 PWD सड़कें शामिल हैं।
- सबसे प्रभावित जिले:
- उत्तरकाशी: 55 सड़कें बंद, चार धाम यात्रा मार्ग प्रभावित।
- उधम सिंह नगर और अल्मोड़ा: प्रत्येक में 43 सड़कें बंद।
- पौड़ी और रुद्रप्रयाग: 37-42 सड़कें बंद, जिसमें केदारनाथ हाईवे का एक हिस्सा शामिल।
- चमोली: 53 ग्रामीण सड़कें बंद, NH-109K पर मलबा गिरा।
- प्रभाव: लगभग 40,000 से अधिक लोग कटे हुए हैं। चार धाम यात्रा के मार्गों पर यातायात ठप, और कई गांवों में बिजली-पानी की समस्या। SDRF और NDRF टीमें मलबा हटाने और राहत पहुंचाने में जुटी हैं।
पिछले कुछ दिनों में 374 सड़कें बंद होने की घटनाएं भी दर्ज की गईं, लेकिन अब 203 पर आ गई हैं। मोटरवाला-दुधली सड़क जैसे शहरी मार्ग भी 4 घंटे बंद रहे।
मौसम का पूर्वानुमान: 14 सितंबर तक का मिजाज
IMD ने 10 से 14 सितंबर तक उत्तराखंड के अधिकांश जिलों के लिए ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया है। मानसून की वापसी में देरी के कारण सितंबर में सामान्य से अधिक वर्षा (28.2 मिमी औसत) हो रही है, जो 193% ऊपर है। मुख्य पूर्वानुमान:
- 10-12 सितंबर: भारी वर्षा (64.5-115.5 मिमी) की संभावना, खासकर देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल और पिथौरागढ़ में। रेड अलर्ट जारी।
- 13-14 सितंबर: बहुत भारी वर्षा (115.5-204.5 मिमी) का खतरा, लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड की चेतावनी। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के साथ मिलकर प्रभावित।
- समग्र मिजाज: बादल छाए रहेंगे, तापमान 20-28°C के बीच। सूर्योदय 5:59 AM, लेकिन धूप कम। ऊंचाई वाले क्षेत्रों (उत्तरकाशी, चमोली) में भूस्खलन का उच्च जोखिम।
IMD के अनुसार, सितंबर में कुल वर्षा सामान्य से अधिक रहेगी, जिससे नदियां (यमुना, गंगा) उफान पर आ सकती हैं।
प्रभाव और प्रशासनिक कदम
- मानवीय क्षति: पिछले दिनों भूस्खलन से 2 मौतें (मुंकटिया के पास), 6 घायल। कुल 130 से अधिक मौतें मानसून से।
- अन्य प्रभाव: जलभराव से स्कूल बंद (नैनीताल, अल्मोड़ा में), चार धाम यात्रा निलंबित। बिजली कटौती और संचार बाधित।
- राहत प्रयास: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24×7 अलर्ट के निर्देश दिए। SDRF ने 73 सड़कें खोलीं, लेकिन ग्रामीण सड़कें धीमी गति से बहाल हो रही हैं। केंद्र सरकार ने SDRF फंड से 1,066 करोड़ जारी किए। नागरिकों को घर न छोड़ने और अलर्ट ऐप चेक करने की सलाह।
यह स्थिति 2023 की बाढ़ की याद दिला रही है। यात्रियों को यात्रा स्थगित करने की सलाह दी गई है।