उत्तर कोरिया पर बड़े हमले की तैयारी में अमेरिका, भेजी भारी-भरकम फ़ौज

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपवाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के बीच जुबानी जंग ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। ट्रंप की हालिया एशिया यात्रा में उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षा का मुद्दा छाया रहा। इसके चलते अब जापान और अमेरिका ने उत्तर कोरिया को अपनी ताकत दिखाने के उद्देश्य से आज संयुक्त नौसैन्य अभ्यास शुरू किया है।

अमेरिकी नौसेना के अनुसार, 10 दिन चलने वाले इस अभ्यास में करीब 14,000 अमेरिकी सैनिक, विमान वाहक जहाज रोनाल्ड रीगन और मिसाइल विध्वंसक शामिल होंगे और ये दक्षिण जापान में ओकिनावा के आसपास के समुद्र में तैनात होंगे।

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मालूम हो कि हाल के महीनों में अपने परमाणु और मिसाइल परीक्षणों से क्षेत्र में तनाव पैदा करने वाला उत्तर कोरिया आक्रमण के लिए ऐसे सैन्य अभ्यासों की निंदा करता रहा है। यही वजह है कि बार-बार वह इसके जबाव में अपना सैन्य अभ्यास भी करता रहता है।

खबरों के मुताबिक इस वार्षिक अभ्यास का मकसद हवा और समुद्री अभियान में प्रशिक्षण के जरिए जापान और अमेरिकी सेनाओं के बीच अपनी रक्षा के लिए सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।

बता दें इससे पहले अमेरिकी विमान वाहक पोतों ने पश्चिमी प्रशांत महासागर में संयुक्त अभ्यास किया। इस अभ्यास में जापानी सेना और दक्षिण कोरियाई युद्धपोतों ने भी भाग लिया।

वहीँ ड्रिल की शुरुआत से पहले जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने अमेरिका के प्रशांत बेड़े, हैरी हैरिस के कमांडर से मुलाकात की और उत्तर कोरिया के खतरे के बीच ‘प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’ के लिए टोक्यो और वाशिंगटन के बीच ‘घनिष्ठ समन्वय’ को लेकर आग्रह किया है।

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किम शासन ने कहा है कि उत्तरी कोरिया के आसपास के क्षेत्र में स्थितियां ‘सबसे खराब’ हैं और अमेरिका वार्षिक अभ्यासों में भाग लेने से युद्ध को खतरे में डाल रहा है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया ने इस साल अपने छठे परमाणु परीक्षण का आयोजन किया और इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल सहित कई उन्नत मिसाइलों का परीक्षण किया था।

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