जर्जर पुल दे रहा मौत को दावत, कभी भी हो सकता है बड़ा हदसा

रिपोर्ट- लोकेश त्रिपाठी

अमेठीएक तरफ जहां योगी सरकार दिन रात काम करने का दावा कर रही है। वहीं पर उनके शासन प्रशासन के अधिकारियों की कलई खुलती नजर आ रही है। इस प्रकार सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं।

पुल

कहीं पर उनकी ही सरकार में बनी इमारतें व फ्लाई ओवर ब्रिज भरभराकर गिर रहे हैं, तो कहीँ पर पूर्ववर्ती शासन में बने पुल जर्जर एवं क्रैक होकर मौत को दावत देते नजर आ रहे हैं। जिन पर कभी भी बड़े हादसे हो सकते हैं।

बता दें कि अमेठी जिले की मुसाफिरखाना तहसील अंतर्गत मुसाफिरखाना-बल्दीराय मार्ग के इसौली गांव के पास गोमती नदी पर बने दो जिलों को जोड़ने वाले इस पुल का निर्माण सन 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र के कार्यकाल में शुरु हुआ था।

जिसका शिलान्यास स्वयं मुख्यमंत्री ने ही किया था। सात पीपों में ढाला गया यह पुल सन 1984 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इसकी लागत 1 करोड़ 60 लाख रूपये आई थी। उन्हीं में से चौथे पीपे का बेलन बैठ जाने के कारण पुल के बीचों-बीच मे पुल का कुछ हिस्सा धंस गया है। धंसे पुल से कई लोग अचानक में गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।

इस प्रकार आये दिन राहगीरों के लिये गति अवरोधक जैसा हो गया है। जिससे उस पर आने जाने वाले लोगों को हमेशा इस बात का भय सताता रहता है कि कहीं बनारस जैसा कोई बड़ा हादसा न हो जाये और हम लोग इसकी चपेट में न आ जायें।

पुल जो बीचों-बीच में क्रैक हो गया है। जब इसके ऊपर से गुजरने वाले लोगों से इसके विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि इसके ऊपर से लगातार 4-6 ओवरलोड गाड़ियां गुजर जाएं, तो निश्चित रूप से दुर्घटना हो सकती है। जिस पर शासन प्रशासन बेसुध बैठा है।

दिन रात आवागमन वाले इस पुल पर हमेशा वाहन चलते रहते हैं। ग्रमीण का कहना है कि इस पुल से खड़खड़ाहट की आवाज भी आती है। कई बार शिकायत करने के बावजूद इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। कई बार तो पुल में आई दरार की वजह से दुर्घटना होते-होते बची है।

जिलाधिकारी ने बताया कि पुल की मरम्मत करने वाली टीम इस समय बिहार में है, जो कि एक दो दिन में पहुँचकर इसको ठीक करेगी। वहीँ पर पुल ही नहीं अपितु पुल के पास दोनों किनारे की सड़क भी धंस कर गड्ढा बन गई है। जिसपर डीएम अमेठी ने सम्बंधित अधिकारी व ठेकेदार को ठीक करने निर्देश दे दिया है। साथ ही बड़े वाहनों के आवागमन पर दीवार बनवाकर कर रोक लगा दी गई है।

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बड़े वाहनों को तो फ़िलहाल इस पुल से आने जाने के लिए रोक दिया गया है। ज्ञात हो कि फैजाबाद जाने वाले हलियापुर के रास्ते पर बने आमघाट के पुल से इस पुल की चौड़ाई अधिक होने के कारण इसी मार्ग से बड़े-बड़े वाहनों का आवागमन ज्यादा रहता है।

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इस इसौली पुल से ही अमेठी, रायबरेली, फैजाबाद व सुल्तानपुर जनपद के लिए छोटी बड़ी गाड़ियों से काफी संख्या में लोग आवागमन करते है। इसके बाद भी यदि शासन प्रशासन की नींद नहीं खुली तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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