इधर लगी तीन तलाक पर रोक उधर पति ने सुना दिया फैसला, एक ख़त ने जिंदगी कर दी बेज़ार

कोर्ट के खिलाफ तीन तलाकनई दिल्ली। 22 अगस्त, 2017 दिन मंगलवार को एक ओर देश की सबसे बड़ी अदालत समाज में व्याप्त कुरीती तीन तलाक पर अपना फैसला सुना रही थी। एक मजलूम महिला फिर इसी कुप्रथा का शिकार हो गई। एक साल पहले जो संसार उस महिला ने किसी अनजान  शख्स के साथ बनाया था। एक झटके में उसे एक ख़त ने चकनाचूर कर दिया। बता दें एमपी के होशंगाबाद की रहने वाली फरहीन की जिन्दगी उजड़ गई। उसे एक सादे कागज़ पर पति ने तलाकनामा लिखकर उसे भिजवा दिया।

बता दें फरहीन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह सहमत है। वह सरकार से तलाक मामले में कड़े कानून बनाने की मांग कर रही है। उसका कहना है कि उसकी तरह किसी और लड़की की जिंदगी तबाह ना हो।

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ख़बरों के मुताबिक़ मध्य प्रदेश के होशंगाबाद शहर के बालागंज इलाके में रहने वाली फहरीन का निकाह 19 फरवरी 2016 को इमरान के साथ हुआ था।

ध्यान देने वाली बात यह है कि 16 अगस्त को इमरान ने जो तलाकनामा फरहीन को भेजा वह उसे 22 अगस्त को मिला। तलाकनामे में कहा गया है कि फहरीन शादी के बाद से मां-बाप के घर जाकर लंबे समय तक रुकती है।

खत में लिखा है, ‘इसके मां-बाप और बहन ने मेरी गैरहाजरी में मेरी मां से मारपीट की। झूठी रिपोर्ट कर दहेज एक्ट का मामला भी दर्ज करा दिया, जिससे मेरी मां का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। ये लोग कोई भी अनहोनी कर सकते है। इसलिए होशो-हवास में फहरीन को तलाक देता हूं।’

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वहीं फरहीन के घरवालों का आरोप है कि पति और ससुराल पक्ष के लोग लगातार उसे प्रताड़ित करते रहे थे। फरहीन के पिता का कहना है कि उनकी माली हालत अच्छी नहीं है। फिर भी उन्होंने हैसियत के हिसाब से बेटी को जितना हो सका दहेज भी दिया लेकिन फहरीन को रहत नहीं मिली।

16 अगस्त को पति इमरान ने एक सादे कागज पर तलाकनामा लिखा कर शहर काजी को भेज दिया। इसके बाद काजी साहब ने इसमें एक कवरिंग लेटर लगाकर फरीन के पिता शाकिर अली के घर डाक से भेज दिया।

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