रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (23 सितंबर 1908- 24 अप्रैल 1974) अपने समय के ही नहीं बल्कि हिंदी के ऐसे कवि हैं, जो अपने लिखे के लिए कभी विवादित नहीं रहे, जिंदगी के लिए भले ही थोड़े-बहुत रहे हों। वे ऐसे कवि रहे जो एक साथ पढ़े-लिखे, अपढ़ और कम पढ़े-लिखों में भी बहुत प्रिय हुए। यहां तक कि अहिंदी भाषा-भाषियों के बीच भी वे उतने ही लोकप्रिय थे। पुरस्कारों की झड़ी भी उनपर खूब होती रही, उनकी झोली में गिरनेवाले पुरस्कारों में बड़े पुरस्कार भी बहुत रहे – साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मविभूषण, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार इस बात की तस्दीक खुद करते हैं। बावजूद इसके वे धरती से जुड़े लोगों के मन को भी उसी तरह छूते रहे।
हिंदी साहित्य के इतिहास में कि ऐसे लेखक बहुत कम हुए हैं जो सत्ता के भी करीब हों और जनता में भी उसी तरह लोकप्रिय हों। जो जनकवि भी हों और साथ ही राष्ट्रकवि भी। दिनकर का व्यक्तित्व इन विरोधों को अपने भीतर बहुत सहजता से साधता हुआ चला था। वहां अगर भूषण जैसा कोई वीर रस का कवि बैठा था, तो मैथिलीशरण गुप्त की तरह लोगों की दुर्दशा पर लिखने और रोनेवाला एक राष्ट्रकवि भी। हालांकि दिनकर छायावाद के तुरंत बाद के कवि थे पर आत्मा से वे हमेशा द्विवेदीयुगीन कवि रहे।
दिनकर और हरिवंशराय बच्चन दोनों समकालीन थे। समकालीनों के बीच की जलन और प्रतिस्पर्धा किसी के लिए भी छिपी हुई बात नहीं पर दिनकर ऐसे कवि थे जो अपने समकालीनों के बीच भी उतने ही लोकप्रिय थे। दिनकर को जब उर्वशी के लिए ज्ञानपीठ मिला तो किसी आग-लगाऊ पाठक ने बच्चन जी को पत्र लिखकर पूछा कि – ‘क्या यह एक सही निर्णय था। बच्चन जी दिनकर को मिले इस पुरस्कार के सन्दर्भ में क्या सोचते हैं।’ इसपर बच्चन जी का जवाब था, ‘दिनकर जी को एक नहीं बल्कि गद्य, पद्य, भाषा और हिंदी के सेवा के लिए अलग-अलग चार ज्ञानपीठ मिलने चाहिए थे।’
उनके समकालीन लेखकों में से एक और समकालीन रामवृक्ष बेनीपुरी जी की मान्यता थी कि – ‘दिनकर ने देश के क्रांतिकारी आन्दोलनों को अपना स्वर बखूबी दिया।’ नामवर सिंह के अनुसार ‘दिनकर अपने युग के सचमुच के सूर्य थे।’ यथार्थ और मध्यमवर्गीय समाज को अपनी रचनाओं के केंद्र में लेकर चलनेवाले लेखक राजेंद्र यादव कहते थे ‘दिनकर जी की रचनाओं से मैं किशोरावस्था से ही बहुत प्रभावित रहा।’ राजेंद्र यादव दिनकर से किस हद तक प्रभावित थे यह इस वाकये से समझा जा सकता है।
दिनकर की बड़ी प्रसिद्ध पंक्तियां हैं – ‘सेनानी करो प्रयाण अभय सारा इतिहास तुम्हारा है, अब नखत निशा के सोते हैं सारा आकाश तुम्हारा है।’ राजेंद्र जी ने जब अपने उपन्यास ‘प्रेत बोलते हैं’ फिर से लिखना तय किया तो उसका शीर्षक दिनकर की इन्हीं पंक्तियों से लिया था। शीर्षक था – ‘सारा आकाश’
आज का इतिहास
23 सितम्बर की महत्वपूर्ण घटनाएँ
1739 – रूस और तुर्की के बीच बेलग्रेड शांति समझौते पर हस्ताक्षर।
1803 – ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने असाये के युद्ध में मराठा सेना को हराया।
1857 – रूसी युद्धपोत लेफर्ट फिनलैंड की खाड़ी में आये भीषण तूफान में गायब हुआ, 826 लोग मारे गए।
1911 – अर्ल ओविंगटन पहले एअर मेल पायलट बने ।
1929 – बाल विवाह निरोधक विधेयक (शारदा क़ानून) पारित।
1955 – पाकिस्तान ने बगदाद समझौता पर हस्ताक्षर किया।
1958 – ब्रिटेन ने क्रिसमस द्वीप पर वायुमंडलीय परमाणु परीक्षण किया।
1965 – भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का आदेश।
1970 – अब्दुल रज़ाक बिन हुसैन मलेशिया के प्रधानमंत्री बने।
1976 – ब्रितानी नौ सेना के एक युद्धक जहाज़ में घटी दुर्घटना में आठ लोग मारे गए. इंग्लैंड के उतर पूर्व में बने एचएमएस ग्लासगो नाम के यह जहाज़ समुद्र में अपना परीक्षण शुरू करने वाला था ।
1979 – सोमालिया के संविधान को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी।
1986 – अमेरिकी कांग्रेस ने गुलाब को अमेरिका का राष्ट्रीय फूल चुना।
1992 – यूगोस्लाविया का संयुक्त राष्ट्र संघ से निष्कासन।
1995 – ताबा (मिस्र) में इस्रायल एवं फ़िलिस्तीनी मुक्ति संगठन के मध्य पश्चिमी तट में फ़िलिस्तीनी स्वशासन के संबंध में समझौता।
2000 – सिडनी ओलम्पिक में संयुक्त राज्य अमेरिका की धाविका मैरियन जोन्स ने 100 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक जीता।
2001 – ब्रिटिश व तालिबान सेना के बीच गोलाबारी, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत व पाकिस्तान पर से प्रतिबंध हटाये।
2002 – इंटरनेट ब्राउजर मोजिला फायर फॉक्स का पहला वर्जन लांच हुआ ।
2002 – जर्मनी के चांसलर गेरहार्ड श्रीएडर पुन: सत्ता में।
2003 – भूटान में लोकतांत्रिक संविधान का मसौदा तैयार।
2004 – हैती में तूफान के बाद आई बाढ़ में कम से कम 1,070 लोग मारे गए।
2006 – पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ ने भारतीय प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह को वार्ता का निमंत्रण दिया।
2009 – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय उपग्रह ओशन सैट-2 समेत सात उपग्रह कक्षा में स्थापित किए।
2011 – जेनेवा स्थित भौतिकी की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न में जारी प्रयोग ओपेरा में वैज्ञानिकों ने सर्न से ७३० किलोमीटर दूर इटली की ग्रैन सासो प्रयोगशाला में भेजे गए उपपरमाणविक कण न्यूट्रिनो की गति प्रकाश की गति से भी अधिक पाई।
आज जन्में व्यक्ति
1862 – श्रीनिवास शास्त्री – महान् देशभक्त और राजनेता।
1903 – यूसुफ़ मेहरअली – स्वतंत्रता सेनानी तथा समाज सुधारक।
1908 – रामधारी सिंह ‘दिनकर’- हिन्दी जगत् सुप्रसिद्ध कवि।
1935 – प्रेम चोपड़ा – हिंदी और पंजाबी फ़िल्म अभिनेता।
आज के महत्वपूर्ण उत्सव और अवसर
हैफा दिवस (Haifa day) – 23 सितंबर, 1918 में भारतीय जवानों ने तुर्की सेना के ख़िलाफ़ लड़ते हुए इस्रायल के हैफा शहर को आज़ाद कराया था, हैफा में शहीद हुए वीर सैनिकों की याद में हर वर्ष भारतीय सेना हैफा दिवस मनाती है ।
नदी दिवस (River day) – नदी और जलाशयों के प्रति जागरूकता एवं संरक्षण की भावना जागृत करने हेतु मनाया जाता है ।