आज का इतिहास:इंडियन लिबरल फ़ेडरेशन के संस्थापक, उदारवादी राजनीतिज्ञ वी. एस. श्रीनिवास

वी. एस. श्रीनिवास  मद्रास उदारवादी राजनीतिज्ञ और इंडियन लिबरल फ़ेडरेशन के संस्थापक थे, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान देश-विदेश में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर काम किये। इन्होंने अपनी जीवनवृत्ति स्कूल शिक्षक के रूप में आरंभ की, लेकिन सार्वजनिक मुद्दों में गहरी रुचि और अपनी वाकपटुता के कारण जल्द ही वह राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो गए।

आज का इतिहास:इंडियन लिबरल फ़ेडरेशन के संस्थापक, उदारवादी राजनीतिज्ञ वी. एस. श्रीनिवास

श्रीनिवास शास्त्री का पूरा नाम ‘वालांगीमन शंकरनारायण श्रीनिवास शास्त्री’ था। इनका जन्म ग्राम वालंगइमान (जिला तंजौर, कर्नाटक) में 22 सितम्बर, 1869, एक ग़रीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। यह ग्राम प्रसिद्ध तीर्थस्थल कुम्भकोणम के पास है, जहाँ हर 12 वर्ष बाद विशाल रथयात्रा निकाली जाती है। इनके पिता एक मन्दिर में पुजारी थे और इनकी माता जी भी अति धर्मनिष्ठ थीं। अतः इनका बचपन धार्मिक कथाएं एवं भजन सुनते हुए बीता। इसका इनके मन पर गहरा प्रभाव हुआ और इन संस्कारों का उनके भावी जीवन में बहुत उपयोग हुआ।

श्रीनिवास शास्त्री शिक्षा के प्रति अत्यधिक अनुराग होने के कारण वे कुम्भकोणम के ‘नेटिव हाईस्कूल’ में पढ़ने के लिए पैदल ही जाते थे। 1884 में मैट्रिक करने के बाद उन्होंने मद्रास प्रेसिडेन्सी से एफ.ए किया और फिर मायावरम् नगर पालिका विद्यालय में पढ़ाने लगे। इस दौरान छात्रों में लोकप्रियता और अनूठी शिक्षण शैली के कारण इनकी उन्नति होती गयी और ये सलेम म्यूनिसिपल कॉलेज में उपप्राचार्य हो गये। इसके बाद श्रीनिवास शास्त्री मद्रास के पचइप्पा कॉलेज में भी रहे। इन्होंने अपनी जीवनवृत्ति स्कूल शिक्षक के रूप में आरंभ की, लेकिन सार्वजनिक मुद्दों में गहरी रुचि और अपनी वाकपटुता के कारण जल्द ही वह राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो गए।

राजनीतिक क्षेत्र में श्रीनिवास शास्त्री ने गोपालकृष्ण गोखले को अपना गुरू माना था। उनके प्रति अत्यधिक श्रद्धा को इन्होंने अनेक लेखों तथा ‘माई मास्टर गोखले’ नामक पुस्तक में व्यक्त किया है। इनकी शुरु से ही जीवन की सामाजिक समस्याओं में अभिरुचि थी, इसी कारण गोपालकृष्ण गोखले द्वारा संस्थापित ‘सर्वेट्स ऑव इंडिया सोसायटी’ नामक संस्था के वह 1907 में सदस्य बना दिय गए।

संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति में श्रीनिवास शास्त्री की लगन देखकर गोपालकृष्ण गोखले ने इस संस्था की अध्यक्षता के लिए अपने बाद इन्हीं को चुना। 1915 में इस संस्था के अध्यक्ष बने. श्रीनिवास मद्रास विधान परिषद के सदस्य थे तथा 1916 में उन्हें केंद्रीय विधायिका के लिए चुना गया।
श्रीनिवास शास्त्री ने 1919 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट का स्वागत किया, जिसके द्वारा पहली बार भारतीय मतदाताओं के प्रति उत्तरदायी प्रांतीय सरकारों पर भारतीय मंत्री कुछ हद तक नियंत्रण कर सकते थे।

सुधार के तहत स्थापित राज्य की नई परिषद में निर्वाचित होने के बाद उन्होंनें पाया कि वह दिनोदिन सदन में छाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से असहमत होते जा रहे हैं। कांग्रेस सुधारो में सहयोग करने से इनकार करती थी और सविनय अवज्ञा के तरीक़ो को तरजीह देती थी। इसलिये श्रीनिवास शास्त्री ने 1922 में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर ‘इंडियन लिबरल फ़ेडरेशन’ की स्थापना की, जिसके वह अध्यक्ष बने।

श्रीनिवास शास्त्री समाज सुधारक थे। इसलिये सरकार ने उन्हें 1922 में ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और कनाडा की यात्रा पर भेजा, जो उन देशों में रहने वाले भारतीयों की दशा को सुधारने का एक प्रयास था। 1926 में उन्हें इसी कार्य के लिए दक्षिण अफ़्रीका भेजा गया और 1927 में उन्हें वहां का एजेंट-जनरल नियुक्त किया गया। भारतीय सरकार ने उन्हें मलाया में भारतीय मज़दूरों की दशा पर रिपोर्ट देने के लिए भी नियुक्त किया। 1930-1931 के दौरान उन्होंने भारत में संवैधानिक सुधारों के प्रस्तावों पर चर्चा के लिए लंदन में आयोजित गोलमेज़ सम्मेलनों में सक्रिय भागेदारी की। 1935 -1940 के दौरान वह मद्रास में अन्नामलाई विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर भी रहे।

आज का इतिहास
22 सितम्बर की महत्वपूर्ण घटनाएँ 
1789 – अमेरिकी कांग्रेस ने पोस्टमास्टर जनरल के कार्यालय को अधिकृत किया।
1792 – फ्रांस गणराज्य की स्थापना की घोषणा हुई।
1903 – अमेरिकी नागरिक इटालो मार्चिओनी को आइसक्रीम कोन के लिए एक पेटेंट दिया गया।
1914 – मद्रास बंदरगाह पर जर्मन युद्धपोत इम्देन ने बमबारी की।
1949 – सोवियत संघ ने पहला परमाणु बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
1955 – ब्रिटेन में टेलीविजन का व्यावसायीकरण शुरू हुआ। इसमें प्रत्येक घंटे सिर्फ छह मिनट ही विज्ञापन के प्रसारण की अनुमति दी गयी और रविवार                   सुबह में इसे चलाने की इजाजत नहीं थी।
1961 – अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने शांति कोर की स्थापना के लिये कांग्रेस के अधिनियम पर हस्ताक्षर किए।
1965 – भारत पाकिस्तान के बीच की लड़ाई में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र की पहल पर युद्ध विराम हुआ ।
1966 – अमेरिकी यान ‘सर्वेयर 2’ चंद्रमा की सतह से टकराया।
1977 – अमेरिकी फुटबॉल टीम पेले के नेतृत्व में दो प्रदर्शनी मैच खेलने कलकत्ता (अब कोलकाता) पहुंची।
1980 – ईरान और इराक के बीच जारी सीमा संघर्ष युद्ध के रूप में परिवर्तित हुआ।
1988 – नेशनल ज्‍योग्राफिक मैगजीन का प्रकाशन शुरू हुआ ।
1988 – कनाडा की सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान और कनाडा के नागरिकों की नजरबंदी के लिए माफी मांगी और मुआवजा देने का भी                      वादा किया।
1992- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बोस्निया और हर्जेगोविना के बीच युद्ध में भूमिका के लिए यूगोस्लाविया को निष्कासित किया।
2002 – फ़्रांस ने आइवरी कोस्ट में अपनी सेना भेजी।
2006 – अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के कंस्ट्रक्शन मिशन पर गये अटलांटिस स्पेश क्राफ़्ट सकुशल अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर पर उतरा। नेशनल                         कैडिट कोर का 10 सदस्यीय दल मॉस्को के लिए रवाना।
2007 – ईरान ने 1800 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइल धद्र का प्रदर्शन किया। नासा के एअर क्राफ़्ट ने मंगल ग्रह पर गुफाओं जैसी सात                          आकृतियों का पता लगाया।
2008- प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह अमेरिका और फ्रांस की दस दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए।
आज जन्में व्यक्ति
1866- ब्रिटेन के प्रख्यात लेखक व इतिहासकार हर्बर्ट जॉर्ज वेल्ज़ का जन्म हुआ। 
1869 – वी. एस. श्रीनिवास शास्त्री – भारत के समाज सुधारक।
1950 – पवन कुमार चामलिंग – भारत के सिक्किम राज्य के मुख्यमंत्री तथा राजनीतिक दल ‘सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट’ के संस्थापक।
आज के महत्वपूर्ण उत्सव और अवसर
 राष्ट्रीय गुलाब दिवस
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