आज का इतिहास : भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों में से एक ‘बटुकेश्वर दत्त’
बटुकेश्वर दत्त भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। बटुकेश्वर दत्त को देश ने सबसे पहले 8 अप्रैल 1929 को जाना, जब वे भगत सिंह के साथ केंद्रीय विधान सभा में बम विस्फोट के बाद गिरफ्तार किए गए।
उन्होनें आगरा में स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित करने में उल्लेखनीय कार्य किया था। उनका पैत्रिक गाँव बंगाल के ‘बर्दवान ज़िले’ में था, पर पिता ‘गोष्ठ बिहारी दत्त’ कानपुर में नौकरी करते थे। बटुकेश्वर ने 1925 ई. में मैट्रिक की परीक्षा पास की और तभी माता व पिता दोनों का देहान्त हो गया।
इसी समय वे सरदार भगतसिंह और चन्द्रशेखर आज़ाद के सम्पर्क में आए और क्रान्तिकारी संगठन ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन’ के सदस्य बन गए। सुखदेव और राजगुरु के साथ भी उन्होंने विभिन्न स्थानों पर काम किया।
बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवम्बर 1910 को बंगाली कायस्थ परिवार में ग्राम-औरी, जिला – नानी बेदवान (बंगाल) में हुआ था। इनका बचपन अपने जन्म स्थान के अतिरिक्त बंगाल प्रांत के वर्धमान जिला अंतर्गत खण्डा और मौसु में बीता।
इनकी स्नातक स्तरीय शिक्षा पी.पी.एन. कॉलेज कानपुर में सम्पन्न हुई। 1924 में कानपुर में इनकी भगत सिंह से भेंट हुई। इसके बाद इन्होंने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के लिए कानपुर में कार्य करना प्रारंभ किया। इसी क्रम में बम बनाना भी सीखा।
8 अप्रैल 1929 को दिल्ली स्थित केंद्रीय विधानसभा (वर्तमान में संसद भवन) में भगत सिंह के साथ बम विस्फोट कर ब्रिटिश राज्य की तानाशाही का विरोध किया। बम विस्फोट बिना किसी को नुकसान पहुंचाए सिर्फ पर्चों के माध्यम से अपनी बात को प्रचारित करने के लिए किया गया था।
उस दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार की ओर से पब्लिक सेफ्टी बिल और ट्रेड डिस्प्यूट बिल लाया गया था, जो इन लोगों के विरोध के कारण एक वोट से पारित नहीं हो पाया।
बटुकेश्वर दत्त यूं तो बंगाली थे। बर्दवान से 22 किलोमीटर दूर 18 नवंबर 1910 को एक गांव औरी में पैदा हुए बटुकेश्वर को बीके दत्त, बट्टू और मोहन के नाम से जाना जाता था। हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए वो कानपुर आ गए। कानपुर शहर में ही उनकी मुलाकात चंद्रशेखर आजाद से हुई। उन दिनों चंद्रशेखर आजाद झांसी, कानपुर और इलाहाबाद के इलाकों में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियां चला रहे थे। 1924 में भगत सिंह भी वहां आए। देशप्रेम के प्रति उनके जज्बे को देखकर भगत सिंह उनको पहली मुलाकात से ही दोस्त मानने लगे थे।
1928 में जब हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी का गठन चंद्रशेखर आजाद की अगुआई में हुआ, तो बटुकेश्वर दत्त भी उसके अहम सदस्य थे। बम बनाने के लिए बटुकेश्वर दत्त ने खास ट्रेनिंग ली और इसमें महारत हासिल कर ली। एचएसआरए की कई क्रांतिकारी गतिविधियों में वो सीधे तौर पर शामिल थे। जब क्रांतिकारी गतिविधियों के खिलाफ अंग्रेज सरकार ने डिफेंस ऑफ इंडिया एक्ट लाने की योजना बनाई, तो भगत सिंह ने उसी तरह से सेंट्रल असेंबली में बम फोड़ने का इरादा व्यक्त किया, जैसे कभी फ्रांस के चैंबर ऑफ डेपुटीज में एक क्रांतिकारी ने फोड़ा था।
एचएसआरए की मीटिंग हुई, तय हुआ कि बटुकेश्वर दत्त असेंबली में बम फेंकेंगे और सुखदेव उनके साथ होंगे। भगत सिंह उस दौरान सोवियत संघ की यात्रा पर होंगे, लेकिन बाद में भगत सिंह के सोवियत संघ का दौरा रद्द हो गया और दूसरी मीटिंग में ये तय हुआ कि बटुकेश्वर दत्त बम प्लांट करेंगे, लेकिन उनके साथ सुखदेव के बजाय भगत सिंह होंगे।
भगत सिंह को पता था कि बम फेंकने के बाद असेंबली से बचकर निकल पाना, मुमकिन नहीं होगा, ऐसे में क्यों ना इस घटना को बड़ा बनाया जाए, इस घटना के जरिए बड़ा मैसेज दिया जाए।
आज का इतिहास
18 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
1727 – महाराजा जय सिंह द्वितीय ने जयपुर शहर की स्थापना की। शहर के वास्तुकार बंगाल के विद्याधर चक्रवर्ती थे।
1738 – फ्रांस और आस्ट्रिया के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर।
1833 – हाॅलैंड और बेल्जियम के बीच जोनहोवेेन संधि पर हस्ताक्षर।
1772 – पेशवा माधवराव प्रथम के छोटे भाई नारायणराव ने गद्दी संभाली।
1909 – अमेरिका ने निकारागुआ पर हमला किया।
1918 – उत्तरपूर्वी यूरोपीय देश लातविया ने रूस से स्वतंत्रता की घोषणा की।
1948 – बिहार की राजधानी पटना के निकट स्टीमर ‘नारायणी’ दुर्घटनाग्रस्त होने से पांच सौ लोग डूबे।
1951 – ब्रिटिश सेना ने मिस्र के इस्मालिया क्षेत्र पर कब्जा किया।
1956 – मोरक्को ने स्वतंत्रता हासिल की।
1959- आईएनएस विराट को ब्रिटिश रॉयल नेवी में कमीशंड किया गया था।
1972 – बाघ को राष्ट्रीय पशु चुना गया।
1994 – संयुक्त राष्ट्र ने फ़िलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता प्रदान की।
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2002 – संयुक्त राष्ट्र हथियार निरीक्षकों का पहला दल हैंस ब्लिक्स की अगुआई में बगदाद पहुँचा।
2003 – श्वार्जेनेगर ने कैलीफ़ोर्निया के गवर्नर पद की शपथ ली।
2005 – प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के नये राष्ट्रपति निर्वाचित। ईराक में हुए बम विस्फोट में 44 लोगों की मृत्यु। उत्तर कोरिया के मानवाधिकार रिकार्ड पर संयुक्त राष्ट्र चिन्तित।
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2008- केन्द्र सरकार ने वैश्विक आर्थिक मंदी से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में 50,000 करोड़ रुपये देने का निर्णय किया।
2013 – अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर मावेन यान को भेजा।
2017- भारत की मानुषी छिल्लर ने जीता ‘मिस वर्ल्ड 2017’ का ख़िताब।
18 नवंबर को जन्मे व्यक्ति
- 1910 – बटुकेश्वर दत्त – भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक थे।
- 1901: वी शांताराम निर्देशक, फ़िल्मकार, अभिनेता
18 नवंबर को हुए निधन
- 2017 – ज्योति प्रकाश निराला – ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित भारतीय वायु सेना के शहीद गरुड़ कमांडों में से एक थे।
- 1978 – धीरेन्द्र नाथ गांगुली, बंगाली सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक
- 1962 – शैतान सिंह, परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक
- 1893 – कनिंघम – एक ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्री, जिसे “भारत के पुरातत्त्व अन्वेषण का पिता” कहा जाता है।
- 1835 – कर्नल टॉड – अंग्रेज़ अधिकारी एवं इतिहासकार, जिसे राजस्थान के इतिहास का मार्ग सर्वप्रथम प्रशस्त करने का श्रेय दिया जाता है।
18 नवंबर के महत्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव
- राष्ट्रीय पुस्तक दिवस (सप्ताह)
- नवजात शिशु दिवस (सप्ताह)
- राष्ट्रीय औषधि दिवस (सप्ताह)
- विश्व वयस्क दिवस
- मिरगी दिवस