ऐसे बैठने से हो सकती हैं ये पांच तरह की बीमारियां, रहें होशियार

महिलाओं को लगता है कि उनका अपने पैरों का एक के ऊपर एक रखकर बैठना उनका स्टाइल दिखाता है। अक्सर आप और हम सभी अपने पैरों को कॉस कर के बैठते हैं। महिलाओं का ऐसा करना स्त्री संस्कृति से जोड़ा जाता है। बैठने की यह पोजिशन हमारे और आपके किसी के भी स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। पैरों को क्रॉस करके बैठने से पेरोनोल नर्व पर दबाव पड़ता है साथ ही पैरों की नस पर प्रेशर पड़ता है, जिससे मांसपेशियां अकड़ने लगती है और अस्थायी पैरालिसिस होने की आशंका रहती है। पैरों के अलावा गर्दन और बैक पर भी इसका असर होता है।

बीमारियां

मांसपेशियां सुन्न हो जाती हैं

अगर आप एक ही तरह से काफी देर तक बैठते हैं को आपके पैर सुस्त हो जाते हैं। कॉस लेग करके बैठना आपके घुटने के पीछे परोनियल तंत्रिका पर दबाव डालता है। यह परोनियल तंत्र निचले पैरों को उत्तेजना प्रदान करता है। साथ ही अगर आप एक ही मुद्रा में लगातार बैठकर काम करते हैं यह आपके शरीर में दर्द पैदा करता है। ऐसा जब भी हो तो नस की तुरंत मालिश करें।

रक्तचाप

आपने देखा होगा कि जब कोई डॉक्टर आपके रक्तचाप की जांच करता है, तो वह आपको बिना पैरों और बाहों के फ्लैटों के साथ बैठने के लिए कहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक आरामदायक मुद्रा रक्तचाप को सामान्य स्तर पर ला सकती है और इसे ठीक से जांचने में मदद करती है। कॉस पैर करके बैठने से रक्तचाप पर भी काफी खतरनाक असर डालता है।

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गर्दन और पीठ दर्द

हमेशा कॉस पैर करके बैठने से आपकी गर्दन और पीठ पर भी इसका प्रभाव पड़ता है और काफी दर्द का अहसास होता है। रीढ़ की हड्डी पर ही हमारा शरीर टिका हुआ होता है। इस पर दबाव पड़ने से गर्दन और पीठ पर भी दबाव पड़ने लगता है। आपको भी इसी तरह की कोई दिक्कत है तो ध्यान दें कि कहीं इसके पीछे की वजह गलत तरीके से बैठना तो नहीं।

अस्थायी पैरालिसिस

जब आप अपने पैरों को काफी लंबे समय तक क्रॉस कर के बैठते हैं। तो यह एक स्थिति का कारण बन सकता है, जिसे पेरोनेल नर्व पाल्सी कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप पैर ड्रॉप होता है। इस स्थिति के दौरान, आप पैर की उंगलियों को ठीक से उठाने में असमर्थ हो जाते हैं। दक्षिण कोरिया के एक अध्ययन में, कई रोगियों की जांच की गई। घंटों तक पैर के ऊपर पैर रखकर बैठने वाले अस्थाधई पैरालिसिस की समस्याय से ग्रसित पाए गए।

वैरिकोज वेन्स

वैरिकोज वेन्स बढ़ी हुई हुई नसें होती हैं। कोई भी नसें वैरिकोज वेन्स हो सकती हैं, लेकिन सबसे अधिक प्रभावित नसें आपके पैरों और पैरों के पंजों में होती हैं। इसका कारण यह है कि खड़े होने और घूमने से आपके निचले शरीर की नसों में दबाव बढ़ जाता है। वैरिकोज वेन्स आमतौर पर त्वचा की सतह के नीचे उभरती हुई नीली नसें दिखती हैं। कभी-कभी यह गंभीर समस्याओं का रूप ले लेती है। चिकित्साल समुदाय इस बात पर विभाजित है कि पैर क्रॉस कर के बैठना वैरिकाज़ नसों का कारण बनती है या नहीं।

 

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