स्ट्रोक के बाद तेजी से बढ़ रहा है इस बीमारी का खतरा

स्ट्रोक का सामना कर चुके मरीजों में डिमेंशिया होने की संभावना काफी अधिक रहती है। विश्वस्तर पर लगभग 1.5 करोड़ लोग सालाना स्ट्रोक से ग्रस्त होते हैं। डिमेंशिया से पांच करोड़ लोग पीड़ित हैं, यह संख्या अगले 20 वर्षो में लगभग दोगुनी हो जाएगी। एक्सेटर मेडिकल स्कूल के नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।.

डिमेशिया 

जिन लोगों ने स्ट्रोक का सामना पहले कर रखा है उनलोगों में डिमेशिया  का खतरा काफी बढ़ने की उम्मीद होती है। आज पूरे विश्व में डिमेशिया से पीड़ित मरीजों की सख्या बढ़ती ही जा रही है। मेडिकल साइंस के अनुसार जिन लोगों के स्ट्रोक की समस्या हो चुकी होती है, उनके दीमाग में अचानक से रक्त की कमी हो जाती है, अचानक से रक्त का प्रवाह बदल जाता है।

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स्ट्रोक के कुछ चेतावनी संकेतों में बांह, हाथ या पैर में कमजोरी शामिल होती है। शरीर के एक तरफ धुंधलापन, नजर में यकायक कमजोरी, खासकर एक आंख में, बोलने में अचानक कठिनाई, समझने में असमर्थता, चक्कर आना या संतुलन का नुकसान और अचानक भारी सिरदर्द आदि।

 

डिमेशिया 

बचाव

रोज 30 मिनट व्यायाम करें।

फल, सब्जियां और कम सोडियम वाला आहार खाएं।

कोलेस्टॉल पर भी ध्यान दें, ऐसा आहर लें जिसमें कोलेस्टॉल के कम करने में मदद मिलें।

शराब से सेवन पर भी नियंत्रण रखें।

 

 

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