बचाव ही है जीका वायरस का इलाज, पूरी खबर पढ़ें

आज हर तरफ जीका वायरस ने लोगों को अपना शुकार बना लिया है। लोगों के जहन में जीका वायरस का इतना शौफ है कि वह घरों से बाहर निकलने में भी कतराने लगे हैं। इस वायरस का असर सबसे ज्यादा नवजात पर देखने को मिलता है। इसी के चलते दुनियाभर में इसका खौफ फैलता बढ़ता ही जा रहा है। यह वायरस भी मच्छर के कारण से ही फैलता है। दिन में एक्टिव रहने वाले इस मच्छर की प्रजाति का नाम ‘एडीज’ है।

वायरस

बचाव आवश्यक है

इस वायरस का सबसे खौफनाक असर गर्भ में पलने वाले शिशु पर देखने को मिलता है। इसके इसे लेकर मां को सबसे ज्यादा सेफ रहने की आवश्यकता होती है। यह संक्रमण गर्भवती मां से शिशु तक पहुंच सकता है। इसके कारण नवजात का इसपर खतरनाक इसका देखने को मिलता है। ब्रेन डिफेक्ट के साथ ही अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके इलाज का सबसे अच्छा तरीका है बचाव करना।

लक्षण

  • बुखार
  • शरीर पर रैशेस
  • कंजक्टिवाइटिस या लाल आंखें
  • जोड़ों और बदन में दर्द
  • नवजात शिशुओं में जन्म से ही कई असामन्यताओं जैसे सिर के आकार का असामान्य होना सिरदर्द, आदि

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सर्वोत्तम उपाय

  • मच्छरों को अपने आस-पास इकठ्ठा ना होने दें।
  • मच्छरदानी या मच्छरों से बचाव के साधन नियमित प्रयोग में लाएं।
  • रात से ज्य़ादा दिन में घूमने वाले मच्छरों से अपना बचाव करें।
  • गर्भवती महिलाओं के मामले में अतिरिक्त सतर्कता रखें।
  • यौन संबंध पर करें उपाय ताकि ना फैले यह वायरस।
  • यदि लक्षण नजर आएं तो तुरंत जांच करवाएं।
  • मरीज के लिए दवाई के साथ ही पूरा रेस्ट आवश्यक है
  • इलाज के दौरान पर्याप्त मात्रा में लिक्विड डाइट लेने का ध्यान रखें
    अपने मन से कोई भी दवाई लेने से बचें।

 

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