यूपी में बिजली की अधिकतम मांग 29,820 मेगावाट पहुंची, राज्य के इतिहास में अब तक की सर्वाधिक मांग

उत्तर भारत में भीषण गर्मी जारी है, ऐसे में मंगलवार रात उत्तर प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 29,820 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड है। बिजली की खपत भी बढ़कर करीब 643 मिलियन यूनिट हो गई। गौरतलब है कि 31 मई को बिजली की मांग 29,727 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जिसे पावर कॉरपोरेशन ने पूरा करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया था। 24 जुलाई 2023 को अधिकतम मांग 28,284 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जो उस समय का रिकॉर्ड था। इसके बाद 22 मई 2024 को यह रिकॉर्ड टूट गया, जब बिजली की मांग 28,336 मेगावाट तक पहुंच गई।

यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने भीषण गर्मी और बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पावर कॉरपोरेशन ने पूर्वानुमान के अनुसार बिजली की उपलब्धता के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है और मांग बढ़ने पर अतिरिक्त व्यवस्थाएं भी तत्परता से की जा रही हैं। चेयरमैन ने इस बात पर जोर दिया कि सिस्टम की क्षमता के कारण कहीं भी बिजली कटौती नहीं हो रही है। स्थानीय खराबी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होने की खबरें मिल रही हैं। इस संबंध में स्थानीय खराबी को तुरंत ठीक करने और कम से कम समय में आपूर्ति बहाल करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि सबसे अधिक लाइन हानि वाले फीडरों को लक्षित करें और अभियान चलाकर बिजली चोरी रोकें, जरूरत पड़ने पर विजिलेंस की मदद भी लें। किसी को भी अनुचित रूप से परेशान न किया जाए।

उन्होंने कहा कि बेहतर बिजली आपूर्ति और सिस्टम प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए बिजली चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाना जरूरी है। अभियान में बिजली चोरी की सबसे ज्यादा संभावना वाले फीडरों की पहचान कर उन्हें पहले लक्षित किया जाना चाहिए।

प्रयागराज क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था की समीक्षा में अध्यक्ष ने प्रयागराज (प्रथम) एवं फतेहपुर के अधीक्षण अभियंताओं को आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिए। इनके क्षेत्रों में राजस्व, ट्रांसफार्मर क्षति, असिस्टेड बिलिंग, आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान योजनाओं की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई। कौशाम्बी एवं खागा के अधिशासी अभियंताओं को भी कड़ी चेतावनी दी गई।

उत्तर भारत में भीषण गर्मी

इस बीच, यूपी का प्रयागराज मंगलवार को लगातार चौथे दिन देश का सबसे गर्म स्थान रहा। प्रयागराज में पारा 47.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो आईएमडी बुलेटिन के अनुसार देश में सबसे अधिक अधिकतम तापमान था। मौसम विभाग के अनुसार, कम से कम अगले पांच दिनों तक राज्य में लू की स्थिति बनी रहेगी और कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। राज्य के अधिकांश हिस्सों में शुष्क गर्म पश्चिमी हवाएँ (लू) चलने की भी संभावना है।

राज्य मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने कहा, “राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों से आने वाली शुष्क और गर्म पश्चिमी हवाएं पिछले कई दिनों से लगातार राज्य में आ रही हैं और यही गर्म हवाएं राज्य में गर्मी के लिए जिम्मेदार हैं।”

उन्होंने कहा, “अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की और वृद्धि होगी तथा इसके बाद कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। न्यूनतम तापमान में भी कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा।”

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