उत्तराखंड में लोगों को राहत, दस हजार लीटर तक मुफ्त मिलेगा पानी

देहरादून। शहर में कई ऐसी जगह हैं, जहां पानी की बर्बादी है तो कहीं पानी की किल्लत। अब सरकार उत्तराखंड में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए हर विकल्प पर विचार कर रही है। पेयजल के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार जल्द ही नए कदम उठाने जा रही है। सरकार का मेन मकसद पानी की बर्बादी रोकना और आम लोगों को पानी के प्रति संजीदा करना है। ताकि लोग जरूरत केो हिसाब से पेयजल का इस्तेमाल करें। साथ ही गरीबों को पर्याप्त साफ पानी मिल सके।

उत्तराखंड में अभी तक अलग अलग श्रेणियों में लगभग समान बिल आता है। इसे लेकर आम लोगों को ज्यादा शिकायत रहती है कि अमीर लोग अधिक पानी खर्च करने के बावजूद कम बिल दे रहे हैं और गरीब कम पानी खर्च करने पर भी उतना ही बिल चुका रहे हैं।

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मुफ्त पानी देने की हर मुमकिन कोशिश

दरअसल पेयजल का दुरुपयोग रोकने के लिए राज्य सरकार हर घरेलू कनेक्शन पर 10 हजार लीटर तक पानी मुफ्त देने की तैयारी में जुटी है। इसके लिए शत प्रतिशत मीटरिंग की जाएगी। पानी के नए टैरिफ पर कैबिनेट की सब कमेटी फैसला लेगी। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत की अध्यक्षता में इस सब कमेटी की रचना की गई है। इस कमेटी में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य को सदस्य के लिए चुना गया है।

स्कूल-धर्मशालाओं को घरेलू दर पर बिल

घरेलू दरों का जो पानी का बिल आता है। राज्य में स्कूल, कालेज, धर्मशालाओं को भी उसी दर से पानी का बिल उपलब्ध होगा। नये प्रस्ताव में इन्हें घरेलू श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है।

रेन वाटर हॉरवे स्टग पर छूट

जिन घरों और संस्थानों में रेन वाटर हॉरवे स्टग का प्लांट मौजूद पया जाएगा उनके पानी के बिल में 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट दी जाएगी और इस छूट का उल्लेख पानी के बिल में शामिल किया जाएगा।

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