टैरिफ विवाद: ट्रंप के करीबी पीटर नवारो को ‘X’ पर मुंह की खानी पड़ी, भारत-विरोधी दावों के फैक्ट-चेक से भड़के, मस्क पर साधा निशाना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारत के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट की, जिसमें उन्होंने भारत पर रूस से तेल खरीदकर “मुनाफाखोरी” करने और रूस के “युद्ध मशीन” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। हालांकि, X के कम्युनिटी नोट्स ने उनके दावों का फैक्ट-चेक कर उन्हें “भ्रामक” और “दोहरे मापदंड” वाला करार दिया। इससे भड़के नवारो ने X के मालिक एलन मस्क पर निशाना साधते हुए कम्युनिटी नोट्स को “प्रोपेगैंडा” और “बकवास” बताया।

क्या है विवाद?

नवारो ने 6 सितंबर 2025 को X पर पोस्ट किया:
“FACTS: भारत के ऊंचे टैरिफ से अमेरिकी नौकरियां जा रही हैं। भारत रूस से तेल खरीदकर सिर्फ मुनाफा कमा रहा है, जिससे रूस की युद्ध मशीन को फंड मिलता है। यूक्रेनियन/रूसी मर रहे हैं। अमेरिकी करदाता ज्यादा खर्च कर रहे हैं। भारत सच को बर्दाश्त नहीं कर सकता।”

X के कम्युनिटी नोट्स ने इस पोस्ट का जवाब देते हुए कहा:

  • भारत का रूसी तेल आयात “ऊर्जा सुरक्षा” के लिए है, न कि सिर्फ मुनाफे के लिए, और यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करता।
  • भारत पर कुछ टैरिफ हैं, लेकिन अमेरिका को भारत के साथ सेवा क्षेत्र में व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) है।
  • अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम और अन्य वस्तुओं का आयात करता है, जो उसके दावों को “दोहरा मापदंड” दर्शाता है।

दूसरे नोट में यह भी जोड़ा गया कि भारत का तेल आयात उसका “संप्रभु निर्णय” है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता।

नवारो की प्रतिक्रिया

फैक्ट-चेक से नाराज नवारो ने 6 सितंबर को जवाबी पोस्ट में मस्क को निशाना बनाया:
“वाह, @elonmusk लोगों के पोस्ट में प्रोपेगैंडा डाल रहे हैं। नीचे का वो बकवास नोट वाकई बकवास है। भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है। रूस ने यूक्रेन पर हमला करने से पहले भारत ने उससे कोई तेल नहीं खरीदा था। भारतीय सरकार का प्रचार तंत्र तेजी से काम कर रहा है। यूक्रेनियनों को मारना बंद करो। अमेरिकी नौकरियां लेना बंद करो।”

नवारो ने भारत को “क्रेमलिन का लॉन्ड्रोमैट” और “टैरिफ का महाराजा” जैसे अपमानजनक शब्दों से भी नवाजा और दावा किया कि भारत के तेल आयात से रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए फंड मिल रहा है।

भारत का जवाब

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नवारो के दावों को “गलत और भ्रामक” करार देते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा, “हमने नवारो के कुछ गलत बयान देखे हैं। हम इन्हें सिरे से खारिज करते हैं।” जायसवाल ने भारत-अमेरिका संबंधों को “महत्वपूर्ण” बताते हुए कहा कि यह साझेदारी साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-जन संपर्क पर आधारित है।

भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि रूसी तेल का आयात राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता के आधार पर किया जा रहा है। 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात 1.7% (2019-20) से बढ़कर 35.1% (2024-25) हो गया, क्योंकि रूस ने रियायती दरों पर तेल की पेशकश की।

ट्रंप और मस्क का रुख

  • ट्रंप: नवारो के उग्र बयानों के बावजूद, ट्रंप ने भारत-अमेरिका संबंधों को “विशेष” बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त करार दिया। मोदी ने भी ट्रंप के सकारात्मक बयानों का स्वागत करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को “वैश्विक रणनीतिक साझेदारी” बताया।
  • मस्क: मस्क और नवारो के बीच तनाव पुराना है। अप्रैल 2025 में मस्क ने नवारो को “मूर्ख” और “ईंटों की बोरी से भी ज्यादा मूर्ख” कहा था, जब नवारो ने टेस्ला को “कार असेंबलर” करार दिया था। मस्क ने X पर कम्युनिटी नोट्स को बढ़ावा दिया है, जो उपयोगकर्ताओं को भ्रामक दावों को चुनौती देने की अनुमति देता है।

टैरिफ विवाद

ट्रंप ने 27 अगस्त 2025 से भारतीय आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। इसका आधा हिस्सा भारत के रूसी तेल आयात के जवाब में लगाया गया। नवारो ने इसे जायज ठहराते हुए भारत पर अमेरिकी नौकरियों को नुकसान पहुंचाने और रूस को युद्ध के लिए आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया। भारत ने इन टैरिफ को “अनुचित और अनपेक्षित” बताया और कहा कि उसका तेल आयात वैश्विक बाजार की स्थिति और ऊर्जा सुरक्षा की जरूरतों से प्रेरित है।

विश्लेषण

नवारो का दावा कि भारत ने यूक्रेन युद्ध से पहले रूसी तेल नहीं खरीदा, गलत है। भारत 2019-20 में भी रूस से 1.7% तेल आयात करता था, जो युद्ध के बाद रियायती दरों के कारण बढ़ा। X के कम्युनिटी नोट्स ने नवारो के दावों को न केवल भ्रामक बताया, बल्कि अमेरिका के रूस से यूरेनियम आयात को उजागर कर “दोहरे मापदंड” की ओर इशारा किया। यह विवाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव को दर्शाता है, लेकिन दोनों देशों के नेताओं के सकारात्मक बयानों से रिश्तों को सुधारने की उम्मीद बनी हुई है।

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