सीमा पर फिर से बदलने लगे हैं चीन के सुर, राष्ट्रपति कोविंद के अरुणाचल दौरे पर भारत को दी नसीहत

चीनी सीमानई दिल्ली। भारत जब भी चीनी सीमा से सटे राज्य अरुणाचल प्रदेश में कोई राजनीतिक गतिविधि या निर्माण कार्य करना शुरु करता है तो चीन हमेशा ही ऐसी गतिविधियों का ऐतराज करता आया है जैसे कि वह भारत का नहीं बल्कि उसी का क्षेत्र हो। हाल ही में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अरुणाचल दौरे को लेकर भी चीन तिलमिलाया हुआ है।

राष्ट्रपति कोविंद के हालिया अरुणाचल दौरे को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने भारत को नसीहत देते हुए कहा है कि जब भारत और चीन दोनों देशों के रिश्ते बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं, तो ऐसे में भारत को ऐसी गतिविधियां करने से बचना चाहिए। गौरतलब हो कि हाल ही में सिक्किम खंड में डोकलाम मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच तनातनी काफी बढ़ गई थी। कयास तो यहां तक लगाए जा रहे थे कि युद्ध की नौबत भी आ सकती है।

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किया नए भवन का उद्घाटन

बताते चलें कि रविवार को अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रपति कोविंद यहां आए हुए थे। राष्ट्रपति नें यहां विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि जिस तरह आपके पास इस नई इमारत के लिए जगह है उसी तरह आपके पास अपने लोगों के लिये भी जगह होनी चाहिये। क्योंकि उन्होंने बहुत ही उम्मीद और अकांक्षाओं के साथ आपको चुना है और आपको अपने मतदाताओं की आकांक्षओं को बरकरार रखना होगा और पूरी तत्परता से उनकी सेवा करनी होगी। हांलाकि इससे पहले भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अगस्त में लद्दाख के दौरे पर गए थे। इस दौरान सेनाप्रमुख उनके साथ ही थे।

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डोकलाम विवाद के बाद शुरु हुआ था बातचीत का दौर

भारत और चीन के बीच पिछले लगभग 70 दिनों तक चले डोकलाम विवाद पर साल 2017 अगस्त में दोनों देशों ने अपनी सेनाएं हटा ली थीं। इसके बाद ही दोनों देशों के बीच सकारात्मक बातचीत का दौर शुरु हुआ था। इस बातचीत में सीमा क्षेत्र की स्थितियों की समीक्षा के साथ ही सीमा पर शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए भी सभी पहलुओं पर चर्चा हुई थी।

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