नई दिल्ली। बीएसएफ के पूर्व एडीजी ने पी.के. मिश्रा ने कहा कि घाटी में जिस तरह से ऑपरेशन ऑल आउट में आतंकियों को ढेर किया जा रहा है उससे लश्कर, जैश सहित आतंकी संगठनों में बौखलाहट है। उनके शीर्ष कमांडरों को सुरक्षा बल ढेर कर चुके हैं।
श्रीनगर में सीमा सुरक्षा बल-बीएसएफ के शिविर में हुए आतंकी हमले के दौरान सुरक्षा बल के जवानों की चुस्ती से बड़े नुकसान को टाला गया। सुरक्षा एजेंसियों ने आंतरिक आंकलन में आशंका जताई है कि आतंकी खौफनाक इरादे से घुसे थे। वे सुरक्षा बल को बड़ा नुकसान पहुंचा कर आतंकियों की मौत का बदला लेना चाहते थे।
अगर वे शिविर की दूसरी बाउंड्री पार कर लेते तो वे एयरपोर्ट के नजदीक भी पहुंच सकते थे। एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के इनकार के बावजूद इस संभावना से इनकार नहीं किया कि एनआईए के अफसर भी आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं। अमूमन कश्मीर में जांच पड़ताल व छापेमारी के मकसद से जाने वाले एनआईए के अधिकारी इस शिविर में ठहरते रहे हैं।
आल आउट से ऑपरेशन से बौखलाहट
घाटी में डेढ़ सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। लेकिन घाटी में बचे हुए सौ से डेढ़ सौ के बीच आतंकी अभी भी पाकिस्तान के इशारे पर सक्रिय हैं। इनमें लश्कर,जैश व हिज्बुल के आतंकी शामिल हैं।
हमले कराने की फिराक
पूर्व एडीजी ने कहा, आतंकियों पर भारतीय सेना व सुरक्षा बलों के कहर और भारत सरकार का पाक नेतृत्व पर आतंकवाद के मामले में आक्रामक रुख देखकर पाकिस्तान भी बौखलाया हुआ है। पूर्व एडीजी ने कहा कि यह बात पुख्ता है कि पाकिस्तान सेना सीमा पार से घुसपैठ कराने की लगातार कोशिश कर रही है। वे हमारे सुरक्षा ठिकानों पर हमले के लिए आतंकियों का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
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