श्रीसंत का करियर लगभग समाप्त, केरल कोर्ट ने बरकरार रखा प्रतिबंध

श्रीसंत का करियरनई दिल्ली। अपनी स्विंग पर दुनियाभर के बल्लेबाजों को नचाने वाले भारतीय तेज गेंजबाज और केरल एक्सप्रेस नाम से मशहूर शांताकुमारन श्रीसंत के लिए एक बुरी खबर आ रही है। केरल उच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा क्रिकेटर श्रीसंत पर लगाया गया आजीवन बैन बहाल किया है।

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बीसीसीआई ने इससे पहले केरल उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमे कहा गया था कि इस क्रिकेटर पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उनके खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर किया गया।

चीफ जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच ने दो दिन सुनवाई करने के बाद फैसला दिया कि कोर्ट बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध की न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकता है। इसलिए, BCCI की अपील को स्वीकार किया जाता है।

बता दें इस फैसले के बाद श्रीसंत रणजी ट्रॉफी के आगामी मैचों में केरल की टीम की ओर से नहीं खेल पाएंगे साथ ही वह बीसीसीआई और किसी राज्य क्रिकेट संघ के अंतर्गत होने वाले अभ्यास सेशन का हिस्सा भी नहीं बन पाएंगे।

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सूत्रों के मुताबिक श्रीसंत इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं।

बता दें कि केरल कोर्ट के इस फैसले के बाद श्रीसंत ने अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा, ‘यह अब तक का सबसे बुरा फैसला है।’

क्या है पूरा मामला…

करीबन 4 साल पहले 2013 में आईपीएल मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। दिल्ली पुलिस ने फिक्सिंग के आरोप में 17 मई को श्रीसंत और उनके साथी खिलाड़ियों अंकीत चव्हाण और अजीत चांडीला के साथ गिरफ्तार कर दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में BCCI की अनुशासन समिति ने श्रीसंत पर 13 सितम्बर, 2013 को स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।

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