वह मंदिर जहां भगवान शिव के अंगूठे की होती है पूजा, कनेक्शन पद्मावत के किरदार से

जयपुर। अभी तक आप ने शिव जी की पूजा शिवलिंग के रूप में की होगी मगर आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां शिव जी के लिंग की नही बल्कि उनके अंगूठे की पूजा-अर्चना की जाती है। और यह पूरे दुनिया में इकलौता मंदिर है, जहां भगवान शंकर अंगूठे में वास करते है।

शिवरात्रि पर विशेष

दरअसल, राजस्थान के माउंटआबू हिल स्टेशन में स्थित अचलगढ़ महादेव तीर्थ दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है, जहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा होती है। भगवान शंकर के इस अनूठे मंदिर में नंदी भी विराजमान है।

मंदिर में नंदी की मूर्ति को पांच मिश्रित धातुओं से बनाया गया है। मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक इस मंदिर को मुगल काल में मुस्लिम आक्रमणकारियों से बचाया गया था।

बता दें इस मंदिर की स्थापना आज से 2500 साल पहले हुई थी।

अचलगढ़ के लोगों के मुताबिक नंदी ने लाखों मधुमक्खियों को छोड़कर मुस्लिम आक्रमणकारियों को यहां से खदेड़ दिया था। इस मंदिर के बारे में यह भी मान्यता है कि भगवान शंकर यहां आने वाले किसी भी भक्त या श्रद्धालु को निराश नहीं करते है।

अलाउद्दीन खिलजी से है संबंध

इस विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर की कहानी का एक सिरा अलाउद्दीन खिलजी से भी जुड़ता है। दरअसल खिलजी ने अपने मंत्रियों को चार भागों में अलग-अलग बांट रखा था।

सौराष्ट्र से लेकर सिरोही जिले तक की हिंदू मंदिरों को तोड़ने की जिम्मेदारी अहमदाबाद के पास मेम दाबाद के राजा मोहम्मद बेगड़ा को दी थी, जिन्होंने माउंट आबू के इस मंदिर पर ध्वस्त करने के लिए आक्रमण करना चाहा तो मंदिर के बाहर शिव की पहरेदार नंदी के अंदर से हजारों की संख्या में भंवरे निकले और उनकी सेना पर आक्रमण बोल दिया।

जिस पर मोहम्मद बेगड़ा ने माफी मांगी और यही एक शिव मंदिर बनवाया जिसे कोटेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

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