
ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा प्रिंसी कुमारी ने शनिवार देर रात हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रिंसी मूल रूप से झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली थीं और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (बीटेक) के सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रही थीं। वे पुनजीपथरा स्थित यूनिवर्सिटी हॉस्टल में रहती थीं।
पुलिस के अनुसार, घटना शनिवार रात की है। परिवार वालों ने शाम करीब 8:30 बजे प्रिंसी को कई बार फोन किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। चिंतित होकर उन्होंने हॉस्टल वार्डन से संपर्क किया। वार्डन जब कमरे पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। खिड़की से झांककर देखा तो प्रिंसी फांसी पर लटकी मिलीं।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, पंचनामा किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बाद में परिजनों को सौंप दिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि प्रिंसी पहले साल में पांच सब्जेक्ट्स में बैकलॉग थीं और सेकंड ईयर की परीक्षाओं के साथ बैक पेपर भी देने की तैयारी कर रही थीं। हाल ही में उन्होंने सेमेस्टर फीस के लिए करीब 1 लाख रुपये की मांग की थी।
कमरे से बरामद सुसाइड नोट में प्रिंसी ने माता-पिता से माफी मांगी है। नोट में लिखा है, “सॉरी मम्मी-पापा, मैं आपकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई।”
उन्होंने अपनी पढ़ाई पर परिवार की बचत खर्च होने का दुख भी जताया और आर्थिक बोझ महसूस करने की बात कही। पुलिस नोट की जांच कर रही है और हॉस्टल के अन्य छात्रों व स्टाफ के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के सटीक कारण की पुष्टि होगी।
यह घटना छात्रों में बढ़ते मानसिक तनाव और परीक्षा के दबाव को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में काउंसलिंग और परिवार का सपोर्ट जरूरी है।





