
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों की सीमा से सटे भैरमगढ़ क्षेत्र के केशकुटुल जंगलों में मंगलवार सुबह से सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जोरदार मुठभेड़ चल रही है। सूत्रों के अनुसार, इस एनकाउंटर में कई माओवादी मारे गए हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
दंतेवाड़ा से रवाना हुई सुरक्षा टीम जब बीजापुर सीमा के भैरमगढ़ के घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन पर थी, तभी नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों पक्षों से रुक-रुककर गोलीबारी जारी है।
घटना सुबह करीब 6 बजे शुरू हुई, जब डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम एंटी-नक्सल ऑपरेशन के तहत केशकुटुल के जंगलों में घुसपैठ कर रही थी। मुखबिरों से नक्सली कैडरों की मौजूदगी की टिप मिली थी, जिसके बाद टीम आगे बढ़ी।
नक्सलियों ने घात लगाकर हमला बोला, लेकिन जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। अब तक मुठभेड़ स्थल पर पहुंचने वाली अतिरिक्त फोर्सेज ने इलाके को घेर लिया है, और हेलीकॉप्टर से हवाई निगरानी की जा रही है।
सुरक्षा बलों को किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों का दावा है कि कम से कम 4-5 हार्डकोर माओवादी ढेर हो चुके हैं। मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है, और नक्सलियों के शव, हथियार व अन्य सामग्री बरामद करने की कोशिश हो रही है।
दंतेवाड़ा एसएसपी कमलेश्वर नागेश्वर राव ने बताया, “ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा बलों को किसी हानि की कोई खबर नहीं है। विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।” बीजापुर एसपी ने भी पुष्टि की कि सीमा क्षेत्र में सतर्कता बरती जा रही है।
यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, जहां भैरमगढ़ एरिया कमिटी सक्रिय है। 2025 में छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में अब तक 200 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर कई एनकाउंटर शामिल हैं। हाल ही में जुलाई में बीजापुर में 4 नक्सली मारे गए थे, जबकि सितंबर में 2 की मौत हुई।
केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, और छत्तीसगढ़ में मानसून के दौरान भी ऑपरेशन जारी हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील की है, लेकिन हिंसा जारी है।




