
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 25 सितंबर को फलस्तीन मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में प्रकाशित एक लेख में कहा कि गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों और फलस्तीनी नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गहरी चुप्पी’ न केवल भारत के संवैधानिक मूल्यों और रणनीतिक हितों के खिलाफ है, बल्कि यह ‘मानवता और नैतिकता का परित्याग’ भी है।
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार का रुख भारत की दीर्घकालिक ‘दो-राष्ट्र समाधान’ नीति से हटकर अब मुख्य रूप से PM मोदी और इजरायली PM बेंजामिन नेतन्याहू की व्यक्तिगत दोस्ती पर आधारित है।
प्रमुख बिंदु
- गाजा में मानवीय संकट: सोनिया गांधी ने गाजा में इजरायली सैन्य अभियानों को ‘नरसंहार’ करार देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में 55,000 से अधिक फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जिनमें 17,000 बच्चे शामिल हैं। अस्पताल, आवासीय इमारतें, और बुनियादी ढांचे नष्ट हो चुके हैं, और भोजन, दवा, और ईंधन की नाकेबंदी ने गाजा को भुखमरी और बीमारी के कगार पर ला दिया है।
- भारत की ऐतिहासिक भूमिका: उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने 1974 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में फलस्तीन मुक्ति संगठन (PLO) को मान्यता दी थी और 1988 में फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा देने वाला पहला गैर-अरब देश था। भारत ने हमेशा इजरायल और फलस्तीन के बीच ‘दो-राष्ट्र समाधान’ और न्यायसंगत शांति का समर्थन किया है।
- मोदी सरकार पर निशाना: सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की चुप्पी भारत की ऐतिहासिक विरासत और वैश्विक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का उल्लंघन है। उन्होंने इसे ‘नैतिक कायरता’ करार देते हुए कहा कि यह चुप्पी PM मोदी और नेतन्याहू की निजी दोस्ती से प्रेरित है, न कि भारत के संवैधानिक मूल्यों या रणनीतिक हितों से।
- वैश्विक संदर्भ: उन्होंने उल्लेख किया कि फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल, और ऑस्ट्रेलिया सहित 150 से अधिक देशों ने फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दी है। भारत को इस मामले में ‘ग्लोबल साउथ’ का नेतृत्व करते हुए मानवाधिकारों की रक्षा के लिए साहसिक रुख अपनाना चाहिए।
- हमास की निंदा: सोनिया गांधी ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों और बंधक संकट की कड़ी निंदा की, लेकिन साथ ही कहा कि इजरायल की प्रतिक्रिया ‘असंगत और क्रूर’ है, जो मानवता के खिलाफ अपराध है।
सरकार का रुख
मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के राज्य के दर्जे के पक्ष में मतदान किया था, जिसे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भारत की मानवता और न्याय की विरासत का हिस्सा बताया। फिर भी, सोनिया गांधी ने सरकार की समग्र चुप्पी को ‘नैतिक विफलता’ करार दिया।