सर्जिकल स्ट्राइक : जवान ने पार किया था बॉर्डर, मिली सजा
नई दिल्ली: बीते साल सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को हिंदुस्तान की दिलेरी का सबूत देने वाली सेना के एक जवान को दोषी करार दिया गया है। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान गलती से सीमा पार करके पाकिस्तान जाने वाले भारतीय सैनिक को सेना की एक अदालत ने दोषी ठहराया है।
साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सेना के साथ ही रहे जवान के लिए तीन महीने जेल की सजा की सिफारिश की गई। सैनिक भारत को पाकिस्तान ने जनवरी में सौंप दिया था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण को सेना की अदालत ने तीन महीने कैद की सजा सुनाई है लेकिन सजा की अवधि को उचित अधिकारियों की मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
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उन्होंने बताया कि बाबूलाल चव्हाण के मामले की सुनवाई जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा की गई। चव्हाण सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। उनकी तैनाती 37 राष्ट्रीय राइफल्स में थी।
पिछले वर्ष सितंबर में भारत ने नियंत्रण रेखा पार स्थित आतंकी ठिकानों पर सजिर्कल स्ट्राइक की थी जिसके कुछ घंटों बाद सिपाही कश्मीर में सीमा पार कर गया था।
तब से भारत सरकार, डीजीएमओ और विदेश मंत्रालय सही मंच के जरिए पाकिस्तान से संपर्क में थी। जिसके बाद जनवरी में चंदू बाबूलाल चव्हाण को पाकिस्तान ने भारत के हवाले कर दिया था।
चंदू बाबूलाल महाराष्ट्र के धुले जिले के वोरबीर गांव के रहनेवाले हैं। उनके पिता का नाम बाशन चौहान है। उनके भाई भी मिलिट्री में ही हैं। उनकी तैनाती फिलहाल गुजरात में है।
गौरतलब है कि चंदू बाबूलाल के पाकिस्तान के कब्जे में होने की खबर सुनने के बाद उनकी नानी लीलाबाई चिंदा पाटील की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वहीं परिवार सदमे में चला गया था।