सूर्य ग्रहण 2025: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज, भारत में नहीं दिखेगा या नहीं ?

साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज, 21 सितंबर 2025 को लग रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) है, जिसमें चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है। भारतीय समयानुसार (IST), यह ग्रहण 21 सितंबर की रात 10:59 बजे शुरू होगा, 22 सितंबर को रात 1:11 बजे अपने चरम पर होगा, और 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे समाप्त होगा। कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट की होगी।

भारत में दृश्यता

यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह भारत में रात के समय होगा जब सूर्य क्षितिज से नीचे होगा। इसलिए, भारतीय खगोल प्रेमियों को इस खगोलीय घटना को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए 2 अगस्त 2027 तक इंतजार करना होगा, जब भारत में एक आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। हालांकि, भारत में रहने वाले लोग इस ग्रहण को NASA या अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम के माध्यम से देख सकते हैं।

कहां दिखेगा यह सूर्य ग्रहण?

यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा, जिसमें निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं:

  • न्यूजीलैंड: ऑकलैंड, वेलिंगटन, और क्राइस्टचर्च में सुबह 6:13-6:14 बजे (स्थानीय समय) सूर्योदय के साथ ग्रहण दिखेगा।
  • ऑस्ट्रेलिया: सिडनी, होबार्ट, और न्यूकैसल में सुबह 5:45-6:03 बजे (स्थानीय समय)।
  • अंटार्कटिका: रॉस सागर में सूर्य का लगभग 86% हिस्सा ढका होगा।
  • दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र: फिजी, टोंगा, और सुवा जैसे क्षेत्रों में।

कुछ स्थानों पर सूर्य का 72-85% हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढका होगा, जिससे सूर्य एक “चंद्रमा जैसी आकृति” में दिखाई देगा।

सूतक काल और धार्मिक महत्व

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण को राहु द्वारा सूर्य को ग्रास करने की अशुभ घटना माना जाता है। सूतक काल, जो ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू होता है, उन क्षेत्रों में लागू होता है जहां ग्रहण दिखाई देता है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा

हालांकि, यह ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या (21 सितंबर 2025) के साथ मेल खाता है, जो पितृपक्ष का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन लोग अपने पितरों को याद कर श्राद्ध, तर्पण, और दान करते हैं। ग्रहण के दौरान कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विशेष सावधानियां बरत सकते हैं, जैसे:

  • मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “आदित्य हृदय स्तोत्र” का जाप।
  • दान-पुण्य: ग्रहण समाप्त होने के बाद गुड़, अनाज, या तांबे के बर्तनों का दान।
  • सावधानियां: गर्भवती महिलाओं, बच्चों, और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जैसे तेज वस्तुओं का उपयोग न करना और ग्रहण के दौरान बाहर न निकलना (यदि विदेश में हैं जहां ग्रहण दिखाई देता है)।

ज्योतिषीय प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में होगा। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि भले ही ग्रहण भारत में दिखाई न दे, इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। विशेष रूप से वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर, और कुंभ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। इसके बावजूद, यह प्रभाव कम होगा क्योंकि ग्रहण भारत में अदृश्य है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, जिससे सूर्य की रोशनी का कुछ हिस्सा पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। यह आंशिक सूर्य ग्रहण चंद्रमा की पेनumbra (हल्की छाया) के कारण होता है, जिसमें सूर्य का केवल एक हिस्सा ढकता है, जिससे सूर्य का “कटे हुए हिस्से” जैसा दृश्य दिखता है।

लाइव देखने का तरीका

भारत में ग्रहण न दिखने के बावजूद, उत्साही लोग इसे NASA, The Times of India, या अन्य अंतरराष्ट्रीय यूट्यूब चैनलों और अंतरिक्ष वेधशालाओं के लाइव स्ट्रीम के माध्यम से देख सकते हैं।

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