दो दिनों की भारी मॉनसून बारिश ने पूर्वोत्तर भारत के असम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में कम से कम 25 लोगों की जान ले ली। इस दौरान हुए भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते असम के कुछ हिस्सों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट, जबकि शेष पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं।

असम की राजधानी गुवाहाटी में एक भूस्खलन ने कई घरों को दबा दिया, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों सहित पांच की मौत हो गई। भारी बारिश ने ढलानों को कमजोर कर दिया, जिससे स्थानीय प्रशासन ने नई चेतावनियां जारी कीं। बाढ़ ने तीन और लोगों की जान ली, जिनमें गोलाघाट में दो और लखीमपुर में एक व्यक्ति शामिल हैं। असम में 17 जिले प्रभावित हुए, जहां 78,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं और 1,200 से ज्यादा लोग पांच राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। लखीमपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 41,600 से अधिक लोग पीड़ित हैं। गुवाहाटी में शुक्रवार को भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण हवाई अड्डे पर उड़ानें बाधित हुईं, और शनिवार को दो जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद रहे।
अरुणाचल प्रदेश में, जो चीन की सीमा से सटा है, सात लोगों की मौत तब हुई जब उनकी गाड़ी बाढ़ के पानी में बह गई। एक अन्य घटना में दो लोग डूब गए, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या नौ हो गई। मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में पिछले 24 घंटों में आठ लोगों की मौत हुई, जिनका कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन बताया गया। मिजोरम में चम्फाई जिले में एक ही परिवार के तीन लोग बाढ़ में मारे गए, जबकि सेरछिप में एक अन्य मौत हुई।
मणिपुर की राजधानी इम्फाल में तीन दिनों की लगातार बारिश ने जनजीवन को ठप कर दिया। शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति है, और इम्फाल नदी के किनारे रहने वाले लोगों को निकालने की चेतावनी जारी की गई है। सिक्किम के उत्तरी हिस्सों में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण मुख्य सड़क अवरुद्ध होने से करीब 1,500 पर्यटक फंस गए। मंगन जिले में 11 पर्यटकों को ले जा रही एक गाड़ी तीस्ता नदी में गिर गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई, दो घायल हुए, और आठ लापता हैं।
असम में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अग्निशमन सेवाओं की टीमें प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। अरुणाचल प्रदेश में प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान कर रहा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बिजली कटौती का आदेश दिया ताकि बिजली के झटके से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मॉनसून की बारिश अधिक अनियमित और तीव्र हो रही है, जिससे पूर्वोत्तर भारत में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। क्षेत्र में बेहतर आपदा प्रबंधन और जल निकासी व्यवस्था की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।