सरकार ने लापता महंत को ढूंढने की जिम्मेदारी अब एसआईटी को सौंपी

एसआईटीहरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंचायती अखाड़ा उदासीन के महंत मोहन दास जो 18 तारीख से गायब हैं। जिनको ढूंढने के लिए हरिद्वार पुलिस ने भरपूर कोशिश की मगर उनको ढूंढ निकालने में अब तक नाकाम रही। इस के चलते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जो मंगलवार को संत समाज से मुलाकात करने हरिद्वार पहुंचे और पिछले 10 दिन से आंदोलित और आक्रोशित समाज को महंत को एसआईटी द्वारा ढूंढ निकालने का आश्वासन दिया। बताया कि अब सरकार ने लापता महंत मोहन दास को ढूंढ निकालने का बेड़ा एसआईटी को सौंप दिया है। जिसके द्वारा उनको जल्द ही खोज निकाला जाएगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता और उदासी अखाड़ा के महंत मोहन दास को ढूंढने में अबतक पुलिस, प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हुईं हैं। बीती 18 तारीख को महंत मोहनदास हरिद्वार से कल्याण (मुम्बई) की यात्रा के दौरान रास्ते से लापता हो गए थे उनके मोबाइल की अंतिम लोकेशन मेरठ में मिली जानकारी के बाद भी पुलिस उन्हें खोज नहीं पायी।

हरिद्वार में  अखाड़ा परिषद और संत समाज पर हर रोज महंत को ढूंढने की सरकार से गुहार लगा रहा है। पहले कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक संतों और पुलिस से जुड़े रहे और मामले को सुलझाने की जिद्दो जहत करते रहे। मगर संतों का गुस्सा बढ़ता गया और बीते शुक्रवार को उन्होंने सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया। इसके चलते राज्य के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज शुक्रवार सुबह ही संतों से बात-चात करने पहुंच गए थे।

इससे पहले मंगलवार को ही शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने घोषणा करते हुए काहा कि अब महंत मोहन दास की तलाश एसआईटी करेगी। हरिद्वार पुलिस की एसओजी के महंत की तलाश में नाकाम होने के बाद यह केस एसआईटी को सौंपने का फ़ैसला लिया गया।

मंगलवार शाम सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी हरिद्वार पहुंच गए और बड़ा उदासीन अखाड़ा में संतो से बात-चीत की।  मुख्यमंत्री के साथ शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और हरिद्वार के मेयर मनोज गर्ग भी शामिल हुए।

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