डीआईजी निरीक्षण में फेल हुए कोतवाली में तैनात सिपाही, नहीं चला सके हथियार

जगदीश पाण्डेय

बागेश्वर। कुमाऊं रेंज के डीआईजी पूरन सिंह रौतेला के वार्षिक निरीक्षण में पुलिस महकमे की पोल खुल गयी। निरीक्षण के दौरान कई सिपाही अपने ही असलहों को ना तो खोल पाये और ना ही सही तरीके से चला पाये।

डीआईजी निरीक्षण

जिसे देखते हुए डीआईजी का पारा चढ़ गया। उन्होंने ऐसे लापरवाह सिपाहियों को 15 दिन के लिये पुलिस लाइन में अतिरिक्त प्रशिक्षण के लिये भेजने के आदेश दे दिये।

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दरअसल पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली को जांचने और कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण के लिये आज डीआईजी कुमाउं बागेश्वर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों और सिपाहियों की समस्यायें सुनी और कई समस्याओं का निराकरण मौके पर ही किया।

इस दौरान उन्होंने बागेश्वर कोतवाली का भी बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने वहां तैनात आरक्षियों और ड्यूटी में तैनात अन्य सिपाहियों से अपने अपने असलहां की जानकारी मांगी। उन्होंने असलहों को खोलने और इस्तेमाल के सही तरीके के बारे में भी पूछा।

इस दौरान कई सिपाही ना तो असलहे चला पाये और ना ही उन्हें खोलना आया। कई सिपाही बिना वर्दी के ही डीआईजी के सामने उपस्थित हो गये। जिसपर डीआईजी का पारा चढ़ गया।

उन्होंने तत्काल लापरवाह सिपाहियों को पुलिस लाइन से अटैच करने के आदेश दे दिये। उन्होंने कहा कि जब तक ऐसे सिपाही पूरी तरह प्रशिक्षित ना हो जायें उन्हें कोतवाली नहीं भेजा जायेगा।

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निरीक्षण के बाद डीआईजी ने पत्रकारों से बातचीत भी की। वार्ता के दौरान पिछले दिनों कई जगह मुजलिमों के कोर्ट में पेशी के दौरान फरार होने की घटना पर पूछे एक सवाल के जबाव में डीआईजी ने इस मामले में पुलिस की गलती स्वीकारी।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को सावधानी बरतनी चाहिये। उन्होंने ऐसे मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये।

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