अयोध्या विवाद : श्री श्री के कंधों पर सारा दारोमदार, मुस्लिम नेताओं से 3 फॉर्म्युलों पर होगी बात

लखनऊ। एक तरफ जहां देश की सबसे बड़ी अदालत में अयोध्या विवाद पर सुनवाई चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पूरे मामले को बातचीत द्वारा हल करने की कवायद तेज होती जा रही है। अयोध्या में अगले महीने (मार्च) में एक बार फिर दोनों पक्षों के लोग आपस में बैठकर मंदिर-मस्जिद के मसले पर चर्चा करेंगे। लेकिन इस बार चर्चा में आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर भी शामिल होंगे।

अयोध्या विवाद

दरअसल वृहस्पतिवार को जब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई चल रही थी,  तो वहीं दूसरी तरफ मुसलमानों का एक प्रतिनिधि मंडल बेंगलुरु में श्री श्री के साथ मिलकर बाबरी मस्जिद पर समझौता करने के लिए विचार कर रहा था।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य अतहर हुसैन ने बताया कि बैठक में विवाद के विभिन्न पहलुओं और हिंदुओं-मुसलमानों के बीच बढ़ती दूरियों पर चर्चा की गई है। साथ ही इस पूरे  विषय पर अगली बैठक मार्च में रखी गई है, जो कि अयोध्या में संत और मौलानाओं के बीच होगी।

यह भी पढ़ें :-कौन संभालेगा योगी और मौर्य की ‘कुर्सी’? इस तारीख को होगा ऐलान

वहीँ मुस्लिम वक्फ बोर्ड का कहना है कि वह हर तरह से अब समझौता करने को राजी है। दोनों पक्षों को  एक साथ बैठकर बात करना जरूरी है।

श्री श्री रविशंकर के प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में बेंगलुरु के भी कुछ संगठन शामिल हुए। उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर का उद्देश्य सिर्फ इतना ही है कि रामजन्मभूमि मुद्दा जल्द से जल्द शांत तरीके से सुलझा लिया जाए।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष 13 नवंबर को श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि वह अपनी ओर से मंदिर विवाद में मध्यस्थता करने को लेकर अयोध्या जाएंगे और सभी पक्षकारों से मिलेंगे। उन्होंने कहा था कि मेरा इस मुद्दे पर कोई एजेंडा नहीं है, लेकिन मैं अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान सभी की बातों पर ध्यान दूंगा और मामले को हल करने की कोशिश करूंगा।

LIVE TV