खुशखबरी: तीन निगमों को मिलेगा सातवां वेतन लाभ

सातवें वेतनदेहरादून। सूबे की राजधानी दून में तीन निगमों यांनि वन निगम, जल संस्थान और जल निगम के कर्मचारियों में काफी उत्साह का महौल बना है। इसका मुख्य कारण यहां को मुख्यमंत्री ने इन कर्मचारियों को सातवां वेतन का लाभ देने का आदेश दिया है। इस आदेशनुसार नौ हजार से ज्यादा कर्मचारियों को अब अधिक वेतन मिलेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की 18 सितंबर को राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों से बात-चीत हुई। इस वार्तालाप के बाद कर्मचारियों को मुख्यमंत्री से आश्वासन मिला और कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया। जिसके बाद तीन निगमों को सांतवे वेतन का लाभ पहुंचाने का आदेश दिए गए हैं। बाकियों को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।

सड़क पर आया संत समाज, अखाड़ा परिषद प्रवक्ता को जल्द तलाश की मांग

राज्य सरकार ने एक जनवरी 2017 से निगम कर्मचारियों और पेंशनर को यह लाभ देने का फैसला लिया है, लेकिन इसके एवज में शासन स्तर से किसी तरह का बजट उपलब्ध नहीं होगा। निगमों के अपने स्तर से अच्छी तरह से काम करने की प्रक्रिया को अंजाम देना होगा। इससे पहले ऊर्जा के तीनों निगमों को भी सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है।

सीधी भर्ती के पदों पर रोक

सरकार ने जल संस्थान और जल निगम में सीधी भर्ती के पदों पर अभी रोक लगा रखी है। यदि इन दोनों में भर्ती प्रक्रिया चल रही है तो नियुक्ति से पहले इजाज़त लेनी होगी। सरकार ने भविष्य में खाली पदों पर डायरेक्ट भर्ती के बजाय आउटसोर्स से कर्मचारी रखने का फैसला लिया है।

एरियर के अलग से होंगे आदेश

एक जनवरी 2016 से दिसंबर 2016 तक कर्मियों को सातवें वेतन का अवशेष और भत्तो का एरियर के अलग से आदेश होंगे। अभी राज्य कर्मियों को भी अवशेष का बेनिफिट नहीं मिला है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी की बैठक में परिवहन निगम, जीएमवीएन, केएमवीएन, ब्रिडकुल, अल्पसंख्यक निगम एवं वक्फ बोर्ड, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम, कृषि एवं कृषि विपणन, विज्ञान प्रौद्योगिकी को भी सातवें वेतनमान का लाभ देने पर वार्तालाप हुई,  लेकिन इसके चलते आखिर कोई निर्णय पर नहीं पहुंच पाए। हालांकि, सरकार ने इन्हें भी लाभ देने पर सहमति जताई है, लेकिन कर्मचारी पहले एजेंडा का इंतजार कर रहे हैं।

अब बिना पानी के शैम्पू होंगे बाल

 

LIVE TV