
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की दीवारों के रंग न करवाने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हमारे घर का जैसा रंग होता है, उसी रंग के स्वभाव जैसा हमारा स्वभाव भी हो जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की दीवारों का रंग भी मनुष्य को प्रभावित करता है। इसलिए वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के कमरे की दीवारों के रंग करवाने चाहिए।
डायनिंग रूम
घर में डायनिंग रूम का खास महत्त्व होता है। ये घर की ऐसी जगह होती है, जहां घर के सभी सदस्य साथ में मौजूद होते हैं। घर के सदस्य साथ भोजन करते है। इसी जगह घर की अहम बातें और डिसीजन भी होते हैं। इस कमरे में ऐसे रंग का इस्तेमाल करना चाहिए, जो घर के सदस्यों को एक-दूसरे से जोड़ने और निर्णय लेने में सहायक हो। इस कमरे के लिए हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग अच्छा माना गया है।
बेडरूम
बेडरूम की दीवारों पर गहरे और आंखों को चुभने वाले रंग नहीं करवाने चाहिए। इस कमरे को हल्के रंगों से रंगवाना चाहिए, जो आंखों को सुकून दे और मन को शांति दे। आसमानी, हल्का गुलाबी, हल्का हरा और क्रीम कलर के रंग उत्तम माने जाते है।
उत्तर-पूर्वी कमरे के लिए सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए।
उत्तर-पश्चिम कमरे के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं।
दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना चाहिए।
यदि बेड दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करें।